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विदिशा

नया स्वरूप देने की बनी थी योजना, नहीं शुरू हो सका काम

कागजों में सिमटकर रह गया 75 वर्ष पुराने वाचनालय का जीर्णाेद्धार

विदिशाJan 19, 2020 / 12:07 pm

Bhupendra malviya

There was a plan to redesign

There was a plan to redesign

विदिशा। शहर में नगरपालिका का करीब 75 वर्ष पुराना अब बुरे दिन देख रहा है। इसके संवरने की योजना कागजों में सिमटकर रह गई और अब यह वाचनालय ढहने की कगार पर आ गया है।

सावरकर बाल विहार के समीप बने इस वाचनालय की एक दीवार का हिस्सा पिछले दिनों ढह गया तो सुरक्षा की दृष्टि से नगरपालिका को इसके जर्जर अन्य हिस्से को भी ढहाना पड़ा और अब दीवार को सुरक्षित करने का प्रयास चल रहा है।

दीवारें अब ढहने की स्थिति में आ गई
मालूम हो कि इस नपा परिषद ने कुछ माह पूर्व इसे नए रूप देने की योजना बनाई थी। परिषद में प्रस्ताव भी पास हुआ, लेकिन अन्य जरूरी कार्यों की तरह यह कार्य भी अटककर रह गया और जर्जर भवन की दीवारें अब ढहने की स्थिति में आ गई है।

नया स्वरूप देने की बनी थी योजना
नपा से मिली जानकारी के अनुसार इस वाचनालय को आधुनिक स्वरूप देने के लिए सावरकर बाल विहार के उद्धार की 84 लाख की योजना में शामिल किया गया था। इसमें 20 लाख की राशि वाचनालय पर खर्च होना था।


योजना के अनुसार वाचनालय के जगह पर नपा द्वारा 18 दुकानें निर्मित करने, एक सुलभ कांप्लेक्स बनाने के अलावा ऊपर आधुनिक वाचनालय बनाया जाना था, लेकिन योजना का कार्य परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास करने तक ही सिमट कर रह गया।


यह वाचनालय वर्ष 1955-56 में बना था। शहर के अधिकांश पुराने लोगों का इस वाचनालय से आत्मीय जुड़ाव रहा है। वाचनालय शहर की जरूरत है और इसे बेहतर रूप दिया जाना चाहिए।
गोविंद देवलिया, समाजसेवी

वाचनालय का प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति में अटका है। नपा परिषद की बैठक नहीं हो पाने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। यह कार्य हमारी प्राथमिकता में है।
जमना कुशवाह, पार्षद

वाचनालय का प्रस्ताव पास है। अगली बैठक में नए सिरे से इस कार्य पर विचार कर इसे शीघ्रता से शुरू कराया जाएगा।
सुधीरसिंह, सीएमओ

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