लेकिन अच्छी बात ये है कि अगर बच्चे का वजन कम कर दिया जाए, तो इस परेशानी से बचा जा सकता है. ये अध्ययन यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी (ईसीओ) में पेश किया गया था. शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पहली बार ये बताया है कि बचपन में मोटापा (Obesity) किस उम्र में शुरू होता है, कितना गंभीर है और कितने समय तक रहता है, इसका शरीर पर क्या असर होता है.
जर्मनी की एक कंपनी के डॉक्टर उर्स विडेमैन ने कहा कि, “अगर बचपन में ही मोटापे (Obesity) का इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसका बहुत फायदा होता है. वजन कम करने से बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है.”
यह भी पढ़ें – WhatsApp Profile Pics खोल रही राज! मोटापे से ग्रस्त लोगों में शरीर की गलत धारणा का खुलासा उन्होंने ये भी कहा कि, “बचपन के मोटापे (Childhood obesity) को एक गंभीर बीमारी की तरह समझना चाहिए. बच्चों का इलाज तब तक टालना नहीं चाहिए जब उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या कोई और बीमारी हो जाए. बल्कि उनका इलाज जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए.”
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने मोटापे (Obesity) और मोटापे से जुड़ी बीमारियों पर किए गए 50 पिछले अध्ययनों के डाटा को इकट्ठा किया. इन बीमारियों में डायबिटीज, दिल की बीमारी और लिवर में चर्बी जमना शामिल है.
यह भी पढ़ें – सिर्फ 3 रात की ड्यूटी! Diabetes और Obesity का खतरा बढ़ा सकती है अध्ययन में दुनिया भर के 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें से करीब 27 लाख लोग 2 से 29 साल के बीच के थे.
अध्ययन में ये भी पता चला है कि अगर 4 साल के बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 3.5 है (जिसका मतलब बहुत ज्यादा मोटापा है) और उसका वजन कम नहीं होता है, तो उसे 25 साल की उम्र तक डायबिटीज होने का 27% खतरा रहता है और 35 साल की उम्र तक ये खतरा 45% तक बढ़ जाता है. इसलिए बच्चों का वजन कम करने और उनकी सेहत पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.