कार्टिलेज या जॉइंट की लाइनिंग की स्थिति भी इससे कुछ अलग नहीं होती है। शरीर का अतिरिक्त वजन ढोने के दबाव और तनाव से घुटनों के जॉइंट पर असर पड़ता है और उनका घिसना या उनमें खराबी आना शुुरू हो जाता है। अगर 40 वर्ष की उम्र में आप अपने अतिरिक्त वजन को घटा लें तो 60 वर्ष तक की आयु में ओस्टियोआर्थराइटिस होने की आशंका कम होगी।
आपके वजन में प्रति पोंड की कमी आपके घुटनों को करीब 4 पोंड की राहत देती है। यानी अगर आपने 5 पोंड वजन कम किया है तो इसका मतलब है कि आपके घुटनों पर से करीब 20 पोंड दबाव कम हो गया है। इस लिए अपने वजन को कम रखें।