जानें क्या है ठाकरे परिवार का ‘शिवाजी पार्क’ से कनेक्शन, शपथ ग्रहण के लिए यही जगह क्यों?
दरअसल, चीन ( China ) में रहने वाले एक शख्स को काफी दिनों से खांसी हो रही थी जिसके चलते वो काफी परेशान था। शख्स को खांसी में खून भी आ रहा था। वहीं जब वो इलाज के लिए चीन के फूजिआन के लॉन्गयान में स्थित वूपिंग काउंटी अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने पहले सीटी स्कैन किया। लेकिन उसमें कुछ पता नहीं चला। इसके बाद डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी की एक तकनीक ब्रोकोस्कोपी टेस्ट किया। इस टेस्ट में डॉक्टरों को पता चला कि शख्स की नाक में 2 लीच यानी कि जोंक रह रही हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, जंगल में काम करने वाले इस शख्स ने पहाड़ों में पानी पीते समय बिना एहसास किए हुए जोकों को निगल लिया था। वहीं शख्स का इलाज श्वसन विभाग में हुआ। शख्स का टेस्ट करने के बाद डॉक्टरों ( doctors ) को पता चला कि उसकी नाक की दाईं नासिका में एक जोंक रह रही है और एक अन्य जोंक 3 सेंटीमीटर अंदर ग्लोटिस में रह रही है। ये वोकल कॉर्ड्स के बीच का हिस्सा होता है। हालांकि, डॉक्टरों ने 2 महीनों से रह रहीं इन दोनों जोंक को व्यक्ति के शरीर से बाहर निकाल दिया। डॉक्टरों ने पहले तो शख्स को बेहोश किया और फिर चिमटी की मदद से जोंक को बाहर निकाला।