मालूम हो कि पेड्रो नामक एक कछुए को एक शख्स ने गोद लिया था। उन्होंने उसे अपने बेटे की तरह प्यार दिया। जब उन्होंने कछुए को गोद लिया था। तब वो पहले से विकलांग था। उसका एक पैर नहीं था। इसके बावजूद पेड्रो सबका दुलारा था। कछुए की मालकिन के अनुसार पेड्रो कुछ दिन पहले कहीं खो गया था। मगर जब वो उन्हें वापस मिला तो उसका दूसरा पैर भी नहीं था। ये देखकर वे परेशान हो गए। तब वे उसे वेटेरियन टीचिंग हॉस्पिटल लेकर गए।
पुण्यतिथि : इमरजेंसी के बाद इंदिरा की वापसी में संजय गांधी ने निभाई थी बड़ी भूमिका, जानें उनसे जुड़ी 10 खास बातें वहां जांच में डॉक्टरों ने पाया कि कछुए का दूसरा पैर दुर्घटना की वजह से नहीं रहा। ऐसे में उन्होंने उसका आपरेशन करने की बात कही। चूंकि हॉस्पिटल के पास कोई वैकल्पिक पैर मौजूद नहीं था, इसलिए उन्होंने इसमें पहिए लगाने का फैसला लिया। अस्पताल के कम्यूनिकेशन मैनेजर जिंजर गटर Ginger Guttner ने कहा कि मेडिकल साइंस के अनुसार इसमें कुछ गलत नही है। जानवरों की जरूरत के हिसाब से उनका ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इससे जीव को कोई तकलीफ न हो।