scriptये है भारत की ‘स्टीफन हॉकिग’, जिसे मिला 12वीं में गार्गी पुरस्कार, दिमाग छोड़कर सारा शरीर सुन्न | This is India's 'Stephen Hawking', who got the Gargi Award in 12th | Patrika News
अजब गजब

ये है भारत की ‘स्टीफन हॉकिग’, जिसे मिला 12वीं में गार्गी पुरस्कार, दिमाग छोड़कर सारा शरीर सुन्न

अनुराधा के शरीर का कोई भी हिस्सा काम नहीं करता
दिमाग ही उसका सहारा है
12वीं में 85 प्रतिशत अंक हासिल कर गार्गी पुरस्कार पाने में सफल रहीं

Feb 18, 2021 / 10:34 pm

Pratibha Tripathi

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नई दिल्ली। कहते है सपने उसी के पूरे होते है जिसमें कुछ कर गुजरने की चाह होती है। उसके आगे आए कठिन रास्ते भी आसान हो जाते है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला राजस्थान के हनुमानगढ़ की अनुराधा में जो हर किसी के लिए मिसाल बनकर उभरी है। भले ही वो शारीरिक रूप से कमजोर हैं लेकिन पढ़ाई के मामले में वो दिमाग वालों के लिए भी चुनौती बनी है।

अनुराधा के शरीर का कोई भी हिस्सा काम नहीं करता, सिर्फ उसके दिमाग को छोड़कर। दिव्यांग अनुराधा ने कभी भी अपनी शारीरिक कमजोरी को अपने आगे नही आने दिया। बल्कि इसी को चुनौती मानकर अपने उद्देश्य को पूरा करने में लगी रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि वो 12वीं में 85 प्रतिशत अंक हासिल कर गार्गी पुरस्कार पाने में सफल रहीं।

बोर्ड परीक्षाओं में अन्य छत्राओं के साथ अनुराधा को संगरिया में आयोजित समारोह में गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेकिन जब अनुराधा के पुरस्कार लेने की बारी आई तो सभी लोग तब हैरान हो गए जब उनकी यह हालत देखी। वहां मौजूद एसडीएम रमेश देव, पालिका अध्यक्ष सुखबीर सिंह, उपाध्यक्ष रीना महंत ने अनुराधा को माला और पगड़ी पहना कर उसकी पढ़ाई और हौसलों का सम्मान किया। मुख्य अतिथि सुखबीर सिंह ने 11000 रुपये कैश पुरस्कार दिया।

इसके बाद अनुराधा के शरीर का कोई भी हिस्सा काम ना करने की वजह से उन्होंने घर पर ही रहकर कक्षा 8 तक की पढ़ाई की।माता-पिता के सहयोग से गांव के सरकारी स्कूल से 9वीं कक्षा की पढ़ाई की और 10वीं 78.50 प्रतिशत अंक लाकर गार्गी पुरस्कार प्राप्त किया। इसके बाद 12वीं में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सभी को हैरान कर दिया।

अनुराधा के शरीर में तो कमजोरी थी है लेकिन जिसका साथ उनके सिर पर था उनके पिता भी 2 मई 2020 को अचानक चल बसे। इतना ही नही उनका छोटा भाई भी दिव्यांग है मां किसी तरह से दोनों बच्चों का पालन पोषण कर रही है। अनुराधा का सपना है कि वो आईएएस बनकर देश की सेवा करें।

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