दुल्हन को रोज एक घंटे रोना पड़ता है
चीन में शादी से एक महीने पहले ही दुल्हन रोना शुरू कर देती है। आज भी चीन के कुछ इलाकों में होने वाली दुल्हन को शादी से एक महीना पहले रोजाना एक घंटे रोना पड़ता है। चीन की इस रूढ़िवादी प्रथा में इतना ही नहीं दुल्हन के घर के लोगों को भी रोने को कहा जाता है। इसे यहां के लोग दुल्हन के वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा शकुन मानते हैं। यदि दुल्हन को रोना नहीं आता तो उन्हें पीटकर जबरदस्ती रुलाया जाता है।
दुल्हन न रोए, तो माना जाता है अपशकुन
दरअसल, इस परंपरा के पीछे काफी दिलचस्प वजह है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। रिपोर्ट की माने तो, चीन के दक्षिण पश्चिमी प्रांत सिचुआन में तूजिया जनजाति के लोग रहते हैं। ये जनजाती यहां हजारों साल से बसे हुए हैं। इनके यहा शादी में दुल्हन का रोना बेहद जरूरी माना जाता है। माना जाता है कि दुल्हनें अगर अपनी शादी में रोएं नहीं, तो अपशकुन होता है।
हजारों साल पुरानी है परंपरा
कहा जाता हैं कि शादी के दौरान दुल्हन के रोने की परंपरा 475 बीसी से 221 बीसी के बीच शुरू हुई थी। दरअसल, उस समय जाओ स्टेट की राजकुमारी की शादी यैन राज्य में हुई थी। शादी के बाद जब राजकुमारी की विदाई हो रही थी तो उनकी मां फूटफूटकर रोई थीं और बेटी को जल्दी घर आने के लिए कहा था। इसी घटना के बाद से यहां ये परंपरा शुरू हो गई। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस घटना से दुल्हन के रोन और न रोने से क्या संबंध है।
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अगर नहीं रोती दुल्हन, तो उड़ता है मजाक
दरअसल, जब दुल्हन विदाई के दौरान नहीं रोती है, उसे ये जनजाति बुरी पीढ़ी मान लेते हैं और गांव भर में उस परिवार का लोग मजाक उड़ाते है। यही कारण है कि समाज में मजाक का पात्र बनने से बचने के लिए लोग विदाई के दौरान दुल्हन को रुलाते हैं। ऐसे में लड़कियों को महीनेभर पहले से ही रोने की प्रैक्टिस करनी होती है, ताकि ऐन वक्त पर उन्हें और परिवार को शर्मिंदगी का शिकार नहीं होना पड़े। कई बार तो लड़कियों को रुलाने के लिए घरवाले ही उन्हें उकसाते हैं।
दुल्हन के साथ रोती हैं सभी महिलाएं
दिलचस्प बात ये है कि इस दौरान एक खास गाना भी बजता है, जिसे क्राइंग मैरेज सॉन्ग कहा जाता है। रोने की इस परंपरा को ज़ुओ टांग नाम दिया गया है, जिसका अर्थ होता है हॉल में बैठना। शादी के एक महीने पहले, रात के वक्त दुल्हन किसी बड़े हॉल में जाती है और बैठकर करीब एक घंटे रोती है। इसके 10 दिन बाद उसकी मां भी उसके साथ शामिल हो जाती है और फिर 10 दिन बाद दादी-नानी, बहन, बुआ-मौसी समेत परिवार की सारी महिलाएं रोती हैं।
इसलिए रोती हैं बाकी महिलाएं
अब आप सोच रहे होंगे कि दुल्हन के रोने के मामले तक तो बात ठीक थी, मगर बाकी महिलाएं क्यों रोती हैं? दरअसल, पहले के वक्त में दुल्हनें रोने के साथ-साथ उन लोगों को अपशब्द भी कहती थीं जो उनका रिश्ता तय करते थे। इसके पीछे का कारण ये था कि पहले के समय में औरतों को अपना पति चुनने की इजाजत नहीं होती थी और न वो अपनी शादी के मामले में कुछ बोल सकती थीं। उन्हें शादी करने के बाद ना रोना पड़े, इसलिए वो पहले रो लेती थी। वहीं परिवार की दूसरी महिलाएं रो कर दुल्हन को तसल्ली देती थी कि उनके साथ भी वैसा ही हुआ है। इस लिए वो भी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत साफ और शांत मन से करे।