1. अनार
महिलाओं में एस्ट्रोजन के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अनार का सेवन फायदेमंद होता है। साथ ही अनार के नियमित सेवन से महिलाओं में एस्ट्रोजेन से जुड़े स्तन कैंसर के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
2. ब्रोकली
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की समस्या से लड़ने के लिए पोषक तत्वों से युक्त ब्रोकली का सेवन किया जा सकता है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा मौजूद होने के कारण ब्रोकली का सेवन महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से भी राहत दिला सकता है। इस सिंड्रोम के कारण महिलाओं में थकान, अवसाद, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, टेंडर ब्रेस्ट और फूड क्रेविंग जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ब्रोकली के अलावा, गोभी का सेवन भी हारमोंस के संतुलन में आपकी मदद कर सकता है।
3. वसायुक्त मछली
सैल्मन फिश, मैकेरल जैसी फैट फिश का सेवन ना केवल आपके हृदय को स्वस्थ बनाए रख सकता है, बल्कि हारमोंस के संतुलन को भी सुनिश्चित करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से युक्त फैटी फिश का सेवन महिलाओं में पीरियड्स को रेगुलेट करने तथा पीसीओएस के दौरान होने वाले हार्मोनल असंतुलन से लड़ने में भी मदद कर सकता है।
4. अलसी
फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीजों को लिग्नन्स का एक समृद्ध स्रोत कहा जाता है। महिलाओं में हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने के लिए अलसी के बीजों का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, अलसी के बीजों में मौजूद एस्ट्रोजेनिक और एंटी-एस्ट्रोजेनिक घटक महिलाओं को हार्मोन से संबंधित स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ने से रोकता है।
5. एवोकेडो
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण होने वाले तनाव, चिड़चिड़ापन और चिंता जैसी स्थितियों से लड़ने के लिए एवोकाडो का सेवन असरकारक माना जाता है। यही नहीं एवोकाडो खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने तथा स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।