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पीरियड मिस होने के कारण
तनाव :
लगातार तनाव में रहना स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है। काफी अधिक स्ट्रेस हार्मोन्स की वजह से शरीर रिप्रोडक्टिव फंक्शन को कुछ वक्त के लिए धीमा कर सकता है या फिर रोक सकता है। छात्राओं के ऊपर की गई एक स्टडी में पाया गया कि करीब 27 फीसदी छात्राओं के पीरियड अनियमित थे। रिसर्चर्स ने पाया कि अनियमित पीरियड और छात्राओं के स्ट्रेस के बीच एक जुड़ाव है। इसलिए अगर आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं या काम को लेकर तनाव रहता है या ब्रेकअप से जूझ रही हैं या एब्यूज की शिकार हुई हैं तो ऐसी स्थितियों में पीरियड में देर हो सकता है।ज्यादा एक्सरसाइज करना :
अगर आप ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं या एथलीट हैं, तो आपको पीरियड न होने की समस्या हो सकती है। इससे महिलाओं में ऊर्जा की कमी और हड्डियों की कमजोरी की समस्या भी होती है। यह भी पढ़े: आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
बीमारी :
अचानक से हुए बुखार, सर्दी, खांसी या किसी लंबी बीमारी की वजह से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है। ये अस्थायी रूप से होता है और एक बार जब आप बीमारी से ठीक हो जाते हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं। थायरॉयड, मधुमेह की वजह से भी मासिक धर्म में अनियमितता देखी जा सकती हैहॉर्मोन असंतुलित होना :
जिन लड़कियों को पहली बार पीरियड हुए हैं और जिन महिलाओं की मेनोपॉज की उम्र है, उनके हॉर्मोन असंतुलित होते रहते हैं, जिसके कारण कभी-कभी उन्हें पीरियड नहीं होते। गर्भनिरोधक गोलियां ज्यादा लेने के कारण भी पीरियडस न होने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कुछ प्रकार के ट्यूमर के कारण भी हॉर्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिला को मासिक धर्म नहीं होता।वजन घटाना या बढ़ाना :
आपके वजन में कोई भी फर्क आने पर आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव आता है। आपकी बॉडी आप के वजन के अनुसार ही काम करती है।पीसीओएस :
यह वह स्थिति होती है जिसमें आपका शरीर मेल हार्मोन एंड्रोजन को अधिक प्रोड्यूस करने लगता है। इस स्थिति के दौरान आपके हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं। जिसके कारण आपकी ओवरीज में सिस्ट बनने लगते हैं। इस स्थिति के कारण ओवुलेशन होना कम हो सकता है या बिल्कुल बंद भी हो सकता है। आपके डॉक्टर आपको पीरियड्स नियमित करने के लिए कुछ दवाइयां दे सकते हैं।