सावन में साजन का साथघर लगे प्यारा आंगन लगे प्यारा अब ना रही तपन, चंचल हुई पवनसावन के झूलों-सा, डोले सखी ये मन बुलबुल ने छेड़ी तान, पक्षी गाते हैं गान छेड़े संगीत आ के, चुपके से आसमान गीत लगे प्यारा, संगीत लगे प्यारा बादलों का देख वेग, नदियां बहे हैं तेज धरती ने फूलों से, देखो सजाई सेज मस्ती में झूमे रति, मस्ती में है मदन मस्ती में धरती आज, मस्त हुआ ये गगन धरा लगे प्यारी, आकाश लगे प्यारा धरती ने ओढ़ी अब, हरी हरी चूनर दिशाओं ने लगता है, बांध लिए घूंघर नाचे है मोर और, गाए है पपीहा मन में उमंग जगे, साथ हो जो तुम पिया रात लगे प्यारी, और दिन भी लगे प्यारा [typography_font:14pt;” >सावन में साजन का साथ लगे प्यारा —-