संवाद कायम करें सीनियर मैनेजमेंट को कंपनी के एम्प्लॉइज के साथ नियमित मीटिंग करनी चाहिए और उनकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। लक्ष्य तय करते समय टीम के सदस्यों की राय भी लेनी चाहिए। इससे एम्प्लॉइज में संदेश जाएगा कि आप उन्हें महत्व देते हैं। संवादहीनता से कंपनी को नुकसान पहुंच सकता है।
आगे बढऩे की छूट दें अगर आप अपने एम्प्लॉइज को जवाबदेह बनाना चाहते हैं तो आपको उन्हें आगे बढऩे की छूट देनी चाहिए। लोग खुद तय करना चाहते हैं कि क्या चीज काम करती है और क्या नहीं। इसलिए उन्हें काम के दौरान प्रयोग करने की छूट देना जरूरी है। उन्हें सही फीडबैक दें और प्रोसेस के दौरान सीखने के लिए प्रेरित भी करें। इससे एम्प्लॉइज कंपनी के साथ जुडक़र काम करते हैं।
विश्वास करें अगर आप अपने एम्प्लॉइज पर भरोसा नहीं करते हैं तो आप कभी भी उन्हें जवाबदेह नहीं बना सकते। इसलिए अपनी टीम पर भरोसा करें। अगर आप उनके साथ समझदार व्यक्ति की तरह पेश आएंगे तो वे भी अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने की कोशिश करेंगे। उन्हें ड्यूटी दें और रिजल्ट्स आने तक इंतजार करें।
अस्पष्टता दूर करें आपको कंपनी की इंटरनल प्रोसेस को क्लीयर रखना चाहिए। आपके निर्णय बिल्कुल स्पष्ट होने चाहिए। काम के दौरान पैदा होने वाले हर तरह के कन्फ्यूजन को दूर करने से आपकी टीम के मेंबर्स बेहतर तरीके से काम करते हैं। अगर कोई टीम पूरी तरह से अकाउंटेबल रहती है तो वह इनोवेशन को महत्व देगी और परफॉर्मेंस में सुधार की कोशिश भी करेगी।
डर को दूर भगाएं अगर एम्प्लॉई अपने टारगेट्स पूरे नहीं कर पा रहा है तो पहले इसका कारण पता करें। उसे समझाएं, पर कठोर सजा न दें। वर्कप्लेस पर होने वाली गलतियों के लिए एम्प्लॉइज को कठोर दंड देंगे तो इससे डर का माहौल पैदा होगा और एम्प्लॉइज काम नहीं कर पाएंगे। उनके मन का डर दूर करें।