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यूक्रेन की ‘युद्ध नीति’ की 7 खास बातें, जिसने पुतिन समेत दुनिया को हैरान कर दिया

भारत समेत दुनियाभर की नजरें इस वक्त रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर टिकी हैं। यूक्रेन पर तीन गुना ज्यादा ताकतवर देश रूस का हमला लगातार जारी है। हालांकि यूक्रेन की खास युद्ध रणनीति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। अपनी युद्ध नीति के दम पर यूक्रेन रूस के लिए भी चुनौती बढ़ा दी है।

Feb 28, 2022 / 12:17 pm

धीरज शर्मा

7 Important steps of Ukraine's War Strategy Which Surprised the World and Putin too

7 Important steps of Ukraine’s War Strategy Which Surprised the World and Putin too

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जब युद्ध का ऐलान किया तो था तब ये कहा था कि, यूक्रेन को डिमिलिटराइज करेंगे और सेना के जिन लोगों को बचना हो वो हथियार डालकर घर चले जाएं। लेकिन मौजूदा समय में चल रही जंग के बाद हालात कुछ अलग ही दिख रहे हैं। भले ही बाद में रूस जंग जीत ले लेकिन अभी तो यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों के साथ आमने-सामने की जंग लड़ रही है। इस जंग में रूसी सेना को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। कई शहरों को वापस यूक्रेन की सेना ने कब्जे में ले लिया है और अब बेलारूस में रूस को वार्ता की टेबल पर भी आना पड़ा है। यूक्रेन की युद्ध रणनीति को लेकर दुनियाभर में चर्चा हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की तारीफ भी की जा रही है। जानते हैं उनकी युद्ध नीति के वो 7 अहम कदम जिसके दम पर उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।

यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कुछ खास कदमों के जरिए अपनी युद्ध रणनीति तैयार की। उनकी इस वार स्ट्रेटजी की उम्मीद शायद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी नहीं थी। ये हैं यूक्रेन के वो 7 अहम कदम जिसने पुतिन समेत दुनिया को हैरान कर दिया।

1. गोरिल्ला वार

यूक्रेन ने रूस से निपटने के लिए गोरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाई। राजधानी कीव समेत तमाम शहरों में रूसी सेना से जंग के लिए सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी ऑटोमेटिक राइफलें दी गईं और उन्होंने रूसी सेना का मुकाबला किया।

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दुश्मन को मात देने के लिए आम लोगों को जंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। हमलावर रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन में राष्ट्रभक्ति की लहर सी चल पड़ी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की खुद सेना की वर्दी में हथियार लेकर मैदान में उतरे। जिन तस्वीरों देश की जनता को और भावुक कर दिया।

यही नहीं यूक्रेन के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद, शहरों के मेयर, यूक्रेन के सेलेब्रिटी, मॉड्ल्स, खिलाड़ी सब हथियार लेकर रूसी सैनिकों से लोहा लेने उतर आए हैं। युद्ध की ऐसी रणनीति पहले शायद ही किसी देश की देखने को मिली होगी।
2. रूसी सेना को ट्रैप किया

यूक्रेन ने इस युद्ध में अपने दुश्मन यानी रूसी सेना को रोकने के लिए अपने मजबूत इलाकों को बेहतर इस्तेमाल किया। रूसी सेना का ट्रैप कर उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। यूक्रेन ने खारकीव और कीव जैसे शहरों में रूसी सेना के खिलाफ मजबूत मोर्चाबंदी की। इन इलाकों से जहां रूसी सैनिक अनजान हैं वहीं यूक्रेन की सेना अच्छे से परिचित है। यही वजह रही कि रूसी टैंक और लड़ाकू विमानों के लगातार ध्वस्त होने की तस्वीरें देखने को मिलीं।
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3. पश्चिमी देशों से सीधा संपर्क

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिडीमीर जेलेंस्की की युद्ध नीतियों में से एक है पश्चिमी देशों से लगातार संपर्क में रहना। अमरीका समेत नाटो देशों ने भले ही यूक्रेन की मदद के लिए सेना भेजने से इनकार कर दिया हो लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की खुद युद्ध के मैदान में उतरकर भी लगातार दुनियाभर के नेताओं से बातचीत की। इसका असर दिखा और अमरीका ने जहां यूक्रेन को 350 मिलियन डॉलर की मदद दी वहीं कई देश हथियारों की सप्लाई तेजी से कर रहे हैं। इससे रूस से लोहा लेने में यूक्रेन को काफी मदद मिली।
4. बेलारूस में बातचीत खारिज

रूस के हमले की निंदा दुनियाभर में हो रही है। तीन दिन की जंग के बाद बेलारूस में रूस वार्तो को लेकर तैयार हुआ। लेकिन यूक्रेन ने इससे साफ इनकार कर दिया। यूक्रेन ने ये कहते हुए बेलारूस में पहले वार्ता से इनकार कर दिया कि किसी ऐसे देश की जमीन पर वह वार्ता नहीं करेगा, जिसने अपनी सीमा से रूस के सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने दिया। हालांकि बाद में बेलारूस के गोमेल में वार्ता का मंच तैयार हुआ है।
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5. जेलेंस्की का कीव से ना जाने का फैसला

रूस से जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिडीमीर जेलेंस्की का हर कदम देश और दुनिया का दिल जीत रहा है। इन्हीं में से एक फैसला था कीव छोड़कर ना जाना। रूस की सेना के शहर में घुसने के बाद भी जेलेंस्की ने कीव से नहीं जाने का फैसला लिया। जबकि हाल में हुए अफगानिस्तान और तालिबान के बीच हुई जंग में अफगानी राष्ट्रपति तुरंत देश छोड़कर चले गए थे। जिससे तालीबान को कब्जा करने में आसानी हुई थी।

ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने जेलेंस्की को राजनीतिक शरण देने का ऐलान भी किया, अमेरिका ने पोलैंड बॉर्डर पर तीन सैन्य विमान भी भेजे कि रूसी हमले के दौरान बचाने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को निकाल लाया जाए, लेकिन जेलेंस्की ने देश नहीं छोड़कर रूस को कड़ा संदेश दिया।
6. यूक्रेन का साइबर वार

दोनों देशों के बीच चल रही जंग में साइबर अटैक भी बड़ा हथियार बना हुआ है। यूक्रेन के कई वेबसाइट्स हैक हुए तो रूस पर यूक्रेन के साइबर हमलों ने भी पूरी दुनिया में रूस को साइबर अटैक का निशाना बनाया। दुनिया भर के कई हैकर समूह रूस के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन में आ गए हैं। रूस के कई वेबसाइट्स हैक हो गए। यहां तक कि रूसी टेलीविजन को हैक करके हैकर्स ने यूक्रेन का नेशनल एंथम चला दिया। हैकर लगातार रूस और बेलारूस के डिफेंस और सरकार से जुड़े ईमेल्स को निशाना बना रहे हैं।

7. वैश्विक संस्थानों में रूस की घेराबंदी

रूस को जमीन और साइबर जोन में टक्कर देने के साथ-साथ यूक्रेन ने वैश्विक संस्थानों में भी रूसी की घेराबंदी कर रहा है। यूक्रेन और तमाम पश्चिमी देश लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। जिससे रूस और पुतिन की छवि खराब हो रही है। यूएन के मंच पर जहां अमेरिका-ब्रिटेन-फ्रांस ने तुरंत युद्ध रोकने के लिए रूस के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया वहीं यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ICJ यानी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।

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