सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने के बाद से म्यांमार में अराजकता फैली हुई है। यूनिसेफ ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “16 सितंबर को हवाई हमले और अंधाधुंध गोलीबारी में कम से कम 11 बच्चों की मौत हो गई।” स्कूल की एक प्रशासक ने कहा, “गांव के उत्तर में मंडरा रहे चार में से दो एमआई -35 हेलीकॉप्टर ने मशीनगनों और भारी हथियारों से स्कूल पर हमला करना शुरू कर दिया तो वह छात्रों को भूतल पर स्थित कक्षाओं में सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश करने लगी। स्कूल में छह छात्रों की मौत हो गई और पास के एक गांव में 13 वर्षीय एक लड़के की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।”
ये हवाई हमला देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले से लगभग 110 किमी दूर तबायिन के लेट यॉट कोन गांव में शुक्रवार को हुआ। हमला स्कूल के अलावा एक गांव पर भी किया गया। हमले में कई लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं कई लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है। गांव में हर तरफ मातम पसरा है और मृतकों के परिजन बिलख रहे हैं। इस महीने यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सागाइंग में लड़ाई विशेष रूप से भयंकर रही है, जहां सेना ने कई आक्रामक अभियान शुरू किए हैं। कुछ मामलों में गांवों को जला दिया गया है, जिसमें आधे मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
बता दें, फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना की ओर से तख्तापलट किए जाने के बाद देश की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। एक स्थानीय निगरानी समूह के अनुसार, असंतोष पर कार्रवाई में लगभग 2,300 नागरिक मारे गए हैं। देश के उत्तर-पश्चिम में सगाइंग क्षेत्र में कुछ भीषण लड़ाई देखी गई हैं और लोगों और सेना के बीच झड़पों में कई गांव तबाह हुए। वही, अपने देश की स्थिति को देखते हुए हजारों की संख्या में लोग देश छोड़ रहे हैं। वहां के लोग भारत में भी शरण ले रहे हैं। भारत के मिजोरम में अब तक हजारों की संख्या में लोग दाखिल हो चुके हैं।