2 साल में भी नहीं हुआ महत्वपूर्ण सुधार
फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध छेड़ने के बाद जर्मनी में एक सैन्य योजना का अनावरण किया गया, जिसका उद्देश्य सेना की रैंकों को बढ़ाना और उसके हार्डवेयर और उपकरणों को उन्नत करना था। इस योजना के लिए 100 बिलियन पाउंड्स निर्धारित करने के बावजूद पिछले 2 साल में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है।
ऑर्डर और वितरण में बड़ा अंतर
रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज़ के अनुसार सेना के लिए पिछले साल ऑर्डर की गई 72,200 लड़ाकू वर्दी में से सिर्फ 58,850 ही वास्तव में वितरित की गई। बुलेटप्रूफ जैकेट की बात करें, तो 105,000 ऑर्डर किए जाने के बावजूद सिर्फ 81,000 ही वितरित की गई। हेलमेट, बैकपैक और स्पेशल इमेज इन्टेंसिफाइंग गॉगल्स के साथ भी स्थिति इसी तरह की है और ऑर्डर और वितरण में बड़ा अंतर है।
रक्षा मंत्रालय ने दिए बहाने
रक्षा मंत्रालय ने सेना के पास इक्विपमेंट्स की कमी के कई बहाने दिए हैं जिनमें एक आपूर्तिकर्ता का दिवालिया हो जाना और दूसरे का बीमारी के लिए काफी ज़्यादा छुट्टियाँ लेना भी शामिल है। इसके अलावा यूक्रेन की सेना के लिए इक्विपमेंट देने की वजह से भी जर्मनी की सेना के पास इक्विपमेंट्स की कमी हो गई।