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फसाना नहीं हकीकत है दिल का टूटना, वैज्ञानिकों ने लगाई मुहर

प्यार को मानव की सबसे प्रबल भावना माना जाता है। प्यार मनुष्य को अगर मजबूत बनाता है, उसे कठिन हालात में आगे बढ़ने और संघर्ष करने की ताकत देता है तो अपने प्रेम को खोने का अहसास उतना ही तीव्र दर्द भी देता है। ये सिर्फ किंवदंतियों की बात नहीं है।

Mar 27, 2023 / 08:45 am

Swatantra Jain

Live-in Relationships breakup

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प्यार को मानव की सबसे प्रबल भावना माना जाता है। प्यार मनुष्य को अगर मजबूत बनाता है, उसे कठिन हालात में आगे बढ़ने और संघर्ष करने की ताकत देता है तो अपने प्रेम को खोने का अहसास उतना ही तीव्र दर्द भी देता है। ये सिर्फ किंवदंतियों की बात नहीं है। अब विज्ञान भी इस बात को मानना लगा है कि किसी रिश्ते के टूटने या साथी के अचानक चले जाने से होने वाला दर्द काफी भयावह होता है और ये सिर्फ अनुभव तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसका शरीर पर भी असर होता है।
ब्रेकअप के दर्द के पीछे है वैज्ञानिक वजह
ब्रेकअप के बाद पूरी तरह से टूटना कोई अतिरंजना नहीं है। उनके लिए यह दुख न सिर्फ मानसिक, बल्कि शारीरिक रूप से भी काफी दर्दनाक होता है। लेकिन दिल टूटने या साथी के जाने से आखिर इतना दर्दनाक अनुभव क्यों होता है। लाइव साइंस में प्रकाशित एक हालिया स्टडी में इंग्लैंड की प्रसिद्ध डॉक्टर डॉ. देबोराह ली ने इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण भी बताया है।
इसलिए प्यार से मिलती है खुशी
डॉ ली के मुताबिक, जब व्यक्ति को किसी के लिए प्यार का अहसास होता है, तो शरीर में हार्मोन्स का प्रवाह होता है। इस दौरान उत्सर्जित होने वाले लाड़ के हार्मोन ऑक्सीटोसिन और ‘फील-गुड’ हार्मोन डोपामाइन की वजह से व्यक्ति प्यार में खुशी और उत्साह का अनुभव करता है। लेकिन जैसे ही उसका ब्रेकअप होता है या दिल टूटता है, तो ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन का स्तर गिर जाता है। साथ ही तनाव के लिए जिम्मेदार हार्मोन में से एक कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि होने लगती है, जिसकी वजह से दुख और दर्द का अनुभव होता है।
दिल टूटने पर क्यों होता है दर्द
ली के अनुसार, ब्रेकअप का किस पर कितना असर होगा, ये हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। लेकिन इस दौरान बढ़ा हुआ ये कोर्टिसोल हार्मोन युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर से लेकर मोटापा, मुंहासों और चिंता जैसी समस्याओं की वजह बन सकता है। इसके अलावा साथी के साथ संबंध टूटना या फिर सोशल रिजेक्शन की वजह से शारीरिक दर्द से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्र भी सक्रिय हो जाते हैं ,जिसकी वजह से दर्द का अहसास होता है। कई मामलों में ब्रेकअप या दिल टूटने की भावना एक इलाज की स्थिति भी पैदा कर सकता है, जिसे ‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’ (ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी) भी कहते हैं।
क्या है ‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’
‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’ आमतौर दिल की एक ऐसी अल्पकालिक स्थिति है, जिसकी वजह से व्यक्ति को तीव्र भावनात्मक या शारीरिक तनाव महसूस होता है। इस दौरान ह्रदय के द्वारा रक्त पंप करने की प्रक्रिया में अस्थायी परिवर्तन भी देखने को मिलता है। इसके अलावा कई बार दिल जोर-जोर से पंप करने लगता है, जिससे सीने में दर्द का अनुभव भी हो सकता है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का इलाज
कई बार ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण दिल के दौरे की तरह नजर आने लगते हैं, जिसके बीच को अंतर को समझना पीड़ित और डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम सिर्फ गंभीर तनाव का कारण होता है और आमतौर पर केवल एक बार होता है। अधिकांश लोग कुछ दिनों या हफ्तों के अंदर इस दर्द से उबर जाते हैं, लेकिन बहुत कम मामलों में इसका असर दिल के इलाज का कारण भी बन जाता है। जिसके लिए छोटी शल्य चिकित्सा की जरूरत पढ़ सकती है।
दिल टूटने से उबरने की रणनीतियां
जर्नल ऑफ़ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में टूटे दिल से उबरने की तीन रणनीतियों को आंका गया है।
ये तीन रणनीतियां हैं: अपने एक्स के बारे में ख़राब बातें सोचना, अपने पूर्व प्रेमी के प्यार की भावना को स्वीकार करना और अच्छे विचारों को सोच, अपने काम या लक्ष्य पर ख़ुद का ध्यान बंटाना जिसकी किसी बात का आपके एक्स से कोई लेना-देना न हो। इनमें से कोई एक या तीनों मिलकर एक्स पार्टनर के प्रति आपके भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को कमतर करती हैं, लिहाज़ा इन तीनों के साथ शुरुआत करना अच्छी रणनीति हो सकता है।

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