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Indonesia: इंडोनशिया में भूकंप के बाद फटा ज्वालामुखी, कई घर दफन, पुल ढहे

इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में ज्वालामुखी फटने से वहां के कई घर ज्वालामुखी की राख के नीच दब गए हैं। वहीं उसके लावा से एक पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जो पिछले साल भी ज्वालामुखी विस्फोट से नष्ट हो गया था। इस पुल को दुबारा बनाया गया था। इस ज्वालामुखी के फटने से लुमजांग जिले के आशमान में धुंए के बादल छाए हुए हैं।

Dec 05, 2022 / 06:29 pm

Archana Keshri

Indonesia's Mt. Semeru eruption buries homes, damages bridge

Indonesia’s Mt. Semeru eruption buries homes, damages bridge

इंडोनेशिया के माउंट सेमारू ज्वालामुखी से भी अब आग और राख निकलना शुरू हो गया है। इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में माउंट सेमेरू के ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव का अभियान शुरू किया गया है। इंडोनेशिया के इस द्वीप पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। मानसून की बारिश के कारण घनी आबादी वाले इस द्वीप पर ज्वालामुखी में बड़ा विस्फोट हुआ था। बताया गया है कि बारिश की वजह से चट्टानों की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचने के बाद उसके शिखर से धुआं के बाद लावा प्रवाह चालू हो गया।
चारों तरफ फैली जहरीली गैंस
बारिश खत्म होने के बाद 3676 मीटर ऊंचे माउंट सेमेरू के ऊपर लावे का गुंबद ढह गया था, जिससे यह विस्फोट हुआ। इस दौरान जहरीली गैस चारों तरफ फैल गई और लावा पास की नदी के ढलान की ओर आ गया। ज्वालामुखी की गैस ने पूरे गांव में धुंए के बाद छोड़े थे, जिससे दम घोटू स्थिति पैदा कर दी।
आसमान में छाया राख का गुबार
लुमजांग जिले में स्थित मांउट सेमेरू ने रविवार को आकाश की ओर 1,500 मीटर (लगभग 5,000 फुट) से अधिक ऊंचाई तक धुएं के बादल छोड़े थे। कई गांवों के आसमान में ज्वालामुखी से लावे के साथ निकली राख के गुबार के कारण सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पा रही है, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा बचाव कार्य
इंडोनेशिया में सोमवार को मौसम में सुधार होने के बाद बचावकर्मियों ने कुछ लोगों के जीवित बचे होने की उम्मीद में राहत और बचाव कार्य फिर से शुरू किया। यह पर्वत शिखर करीब 12 हजार साठ फीट की ऊंचाई पर है और इसके काफी करीब तक इंसानी आबादी बसी हुई है।
सैकड़ों बचावकर्मियों को किया गया तैनात
सोमवार को सम्बरवुलुह और सुपितुरंग के सबसे अधिक प्रभावित गांवों में सैकड़ों बचावकर्मियों को तैनात किया गया। यहां कई घर और मस्जिदें ज्वालामुखी की टनों राख के नीचे दबी हुई थीं। वहीं लावे ने एक पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस पुल को पिछले साल ज्वालामुखी विस्फोट में नष्ट होने के बाद फिर से बनाया गया था।
राख निकलने के बाद आस-पास के गांव को किया गया खाली
बता दें, ज्वालामुखी से धुंआ निकलने के बाद ही आपदा राहत केंद्र ने तुरंत चेतावनी संकेत जारी कर दिया था। आस पास के आठ किलोमीटर के इलाके को खतरनाक क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। राख निकलने की वजह से आस-पास के कई गांवों को खाली कराया गया था। वहीं इसके धूंए से बचने के लिए प्रशासन ने मास्क भी बांटे थे।
कई गांव चपेट में आए
राख निकलने की वजह से आस पास के कई गांवों में यह राख फैल गयी है। बता दें, ज्वालामुखी की राख रासायनिक कारणों से जहां गिरती है वहां चिपक जाती है। इससे कई गांव और वहां के घर इसकी चपेट में आ गये हैं। आपको बता दें, इस ज्वालामुखी में पिछल दिसंबर यानी साल 2021 के दिसंबर में भी विस्फोट हुआ था। उस दौरान इसके अचानक विस्फोट की चपेट में आने वाले 51 लोग मारे गये थे।

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