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अंतरिक्ष के कब्रिस्तान ‘पॉइंट निमो’ में दफन होगा नासा का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, जानिए क्या है वजह

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को रिटायर करने की योजना तैयार कर ली है। खास बात यह है कि इसे अंतरिक्ष के पॉइंट निमो में दफन किया जाएगा। खास बात यह है कि यहां पहले ही से ही 263 स्पेसक्राफ्ट की कब्र मौजूद हैं।

Feb 05, 2022 / 01:40 pm

धीरज शर्मा

NASA plans to crash International Space Station in Point Nemo Pacific Ocean

NASA plans to crash International Space Station in Point Nemo Pacific Ocean

अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को रिटायर करने की तैयारी कर रही है। हालांकि नासा इसे वर्ष 2030 तक ऑपरेट करने वाली है। इसके बाद ISS को प्रशांत महासागर के पॉइंट निमो में क्रैश करने की योजना तैयार की गई है। नासा के अंरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी ISS को वर्ष 2000 में लॉन्च किया गया था। अभी तक इस पर 200 से ज्यादा एस्ट्रोनोट्स गए हैं। ISS अंतरिक्ष में इंसान की लगातार मौजूदगी को दिखाता है। नासा के बजट अनुमानों के मुताबिक जनवरी 2031 में आईएसएस को ‘डी-ऑर्बिट’ किया जाएगा यानी कक्षा से बाहर निकाला जाएगा।
NASA ने स्पेस स्टेशन को क्रैश किए जाने को लेकर अपनी व्यापक योजना के बारे में विस्तार से बताया है। आईएसएस को अंतरिक्ष का कब्रिस्तान कहे जाने वाले ‘प्वाइंट निमो’ में क्रैश किया जाना है, जो प्रशांत महासागर का एक दूरस्थ इलाका है। योजना के मुताबिक एक बार कक्षा से बाहर आने के बाद, स्पेस स्टेशन प्वाइंट निमो में स्पलैश लैंडिंग से पहले प्रशांत महासागर के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।

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पॉइंट निमो जमीन से करीब 2700 किमी की दूरी पर स्थित एक समुद्री इलाका है। प्रशांत महासागर के प्वाइंट निमो क्षेत्र को ‘अंतरिक्ष के कब्रिस्तान’ के रूप में जाना जाता है। यूज हो जाने के बाद रिटायर्ड स्पेस स्टेशनों और स्पेसक्राफ्ट्स को इसी इलाके में दफनाया या फिर क्रैश किया जाता है।

इस इलाके का नाम फ्रांसीसी उपन्यासकार जूल्स वर्ने के ‘ट्वेंटी थाउजेंड लीग्स अंडर द सी’ के प्रसिद्ध पनडुब्बी नाविक के नाम पर रखा गया है।


कई देशों के स्पेस स्टेशन इस इलाके में क्रैश किए गए हैं। अमरीका, रूस, जापान और यूरोपीय देशों जैसे ‘स्पेस लवर्स’ ने 1971 के बाद से इस साइट पर 263 से अधिक अंतरिक्षयानों के मलबे को कथित तौर पर डुबोया है।
यह क्षेत्र न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से लगभग 4828 किमी और अंटार्कटिका के उत्तर में 3218 किमी दूर है।
 


मिली जानकारी के मुताबिक ISS फिलहाल 8 वर्षों तक आराम नहीं करने वाला है। NASA ने कहा कि स्पेस एजेंसी का इरादा अगले दशक के लिए ISS को मंगल ग्रह पर जाने के लिए एक ट्रांजिट मिशन के तौर पर इस्तेमाल करने का है। ऐसे में कम से कम आठ वर्षों तक आईएसएस के बाद आराम का वक्त नहीं है।

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