गौरतलब है कि हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में तनाव की स्थिति बन गई थी। इसके चलते भड़की हिंसा में लगभग 55 लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हुए थे। शरीफ ने कहा है कि वो इन घायलों की चिकित्सकीय मदद करना चाहते हैं, ख़ास तौर से उन घायलों की जो भारतीय सेना और सुरक्षा बालों की पैलेट गन से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा है कि इन घायल कश्मीरियों को चिकित्सा सेवा देने के लिए वे विश्व में उपलब्ध हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे।
पाकिस्तान प्रधानमंत्री का ये वक्तव्य उस समय आया है जब भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर शब्दों का आदान-प्रदान हुआ है।
पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने यहां जारी एक बयान में कहा, ” कश्मीर में मानवता की कमी ने हमें घायलों के लिए तुरंत प्रभाव से सेवा और मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बाध्य किया है। ”
वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने एमएसएफ प्रमुख को पत्र लिखकर कश्मीर में स्वास्थ्य संबंधी आपात परिस्थितियों से अवगत कराया। सलाहकार ने ” निहत्थे और असहाय नागरिकों पर भारतीय क्रूरताओं ” के परिणाम स्वरूप जम्मू-कश्मीर राज्य में पैदा हुई मेडिकल आपात स्थिति के बारे में पत्र में लिखा है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि सलाहकार ने मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स से कश्मीर में घायल हुए हजारों लोगों को तुरंत चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया है। सलाहकार ने विशेष रूप से आंखों के सर्जन के जरूरत पर बल दिया है क्योंकि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पैलेट गन के प्रयोग से सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। हालांकि यह पत्र कश्मीर के मामले को अंतरराष्ट्रीय पर उठाने का एक प्रयास है।