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ईरान से तेल की कमी को पूरा करना सऊदी अरब के लिए चुनौती

तेल उद्यमी मानते हैं कि सऊदी अरब अगर 11.5 मिलियन (करीब 17 अरब 48 करोड़ लीटर) तेल का उत्पादन करता है तब भी ईरान पर प्रतिबंध के बाद पैदा हुए संकट की स्थिति की भरपाई संभव नहीं है। क्या सऊदी अरब ईरान से आने वाले तेल की कमी को पूरा कर पाएगा? अगर हां तो कैसे और कब तक?

Oct 05, 2018 / 06:42 pm

manish singh

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ईरान से तेल की कमी को पूरा करना सऊदी अरब के लिए चुनौती

मई में ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध से पहले प्रतिदिन 2.5 मिलियन से 2.8 मिलियन बैरल (करीब 39 करोड़ लीटर से 45 करोड़ लीटर) तेल का उत्पादन करता था। प्रतिबंध लागू होने के बाद बिक्री में एक मिलियन बैरल (करीब 16 करोड़ लीटर) की गिरावट आई जो अनुमान से भी बहुत कम थी। सऊदी अरब सिर्फ कागजों में ही कमी को पूरा करने में सक्षम है।
सऊदी अरब को अब पेट्रोलियम आपूर्ति परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ सकता है। इसके लिए वे अपने तेल क्षेत्र, प्रोसेसिंग प्लांट, पाइपलाइन, तेल टैंकरों और निर्यात टर्मिनलों को सीमित करने के साथ जितना संभव हो रहा है प्रति बैरल तेल का उत्पादन बढ़ाने में लगा हुआ है। आज मध्यपूर्व में संकट की स्थिति से सऊदी की तेल मशीनों के फैलाव को विवश कर रही है। अमरीका का ईरान पर प्रतिबंध इस्लामिक गणराज्य से निर्यात की स्थिति को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में खरीदार अब दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं जिससे तेल आपूर्ति को सामान्य रखा जा सके।
जेपी मॉर्गन कंपनी के तेल विश्लेषक अभिषेक देशपांडे कहते हैं कि लीबिया, वेनेजुएला ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) के अतिरिक्त भंडारण क्षमता का पर्दाफाश कर सकते हैं। सऊदी और ओपेक राष्ट्रों को बखूबी पता है कि उसकी अतिरिक्त क्षमता दोधारी तलवार की तरह है। इससे कीमतें कुछ कम हो सकती हंै पर इसका असर बहुत सीमित होगा लेकिन बाजार को ये चिंता सताती रहेगी कि तेल बचा कितना है। रियाध के आश्वासन के बाद भी तेल 80 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल (करीब 5600 रुपए) के करीब पहुंच गया है। ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध के बाद इस सर्दी तक तेल 100 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल (करीब 7,000) के करीब पहुंच जाएगा।
संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री सुहेल अल- माजरोई ने कहा है कि तेल भंडारण क्षमता को ठीक रखना पहला लक्ष्य है। ओपेक देशों की भंडारण क्षमता थोड़ी कमजोर है। फेें्रच तेल उद्यमी पैट्रिक पॉयने का कहना है कि तेल बाजार की स्थिति दुनिया के लिए चिंता का विषय है। सऊदी अरब अगर 11.5 मिलियन (करीब 17 अरब 48 करोड़ लीटर) तेल का उत्पादन करता है तो भी ईरान पर प्रतिबंध के बाद पैदा हुए संकट की भरपाई संभव नहीं है।

तेल उत्पादन स्विच दबाने भर से नहीं होता
अतिरिक्त तेल उत्पादन और भंडारण सरल प्रक्रिया नहीं है। तेल उत्पादकों का मानना है कि कुएं से तेल निकालने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में चार महीने का वक्त लगता है। ऐसी स्थिति में तेल उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के साथ कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए नए कुओं की खुदाई करनी होगी जिसमें लंबा वक्त लगेगा। तब तक स्थिति खराब हो जाएगी। सऊदी अरब रोजाना जो 12.5 मिलियन बैरल (करीब 19 अरब 87 करोड़) लीटर तेल का उत्पादन करता है जिसका नियंत्रण पूरी तरह सऊदी अरब तेल निगम के पास है। इसके अलावा 80 लाख लीटर (करीब 50 हजार बैरल) तेल का उत्पादन न्यूट्रल जोन करता है, लेकिन पिछले दो साल में एक बैरल भी तेल का उत्पादन नहीं हुआ है।

सैटेलाइट से होती तेल भंडारण की निगरानी
सऊदी अरब सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया था कि जुलाई में उसके पास 229 मिलियन बैरल (करीब 36 अरब लीटर) से अधिक का तेल भंडार है। जबकि पिछले साल अक्टूबर में ये आंकड़ा 329 मिलियन बैरल (करीब 52 अरब लीटर) था। सैटेलाइट से भंडारण संबंधी जानकारी जुटाने वाली सिंगापुर स्थित कंपनी केरॉस के अधिकारी एंटॉनी हाल्फ बताते हैं कि सैटेलाइट से देखने के बाद पता चला है कि 19 अरब लीटर से अधिक तेल सऊदी अरब ने टैंकों में रखा है जबकि ग्यारह अरब लीटर तेल भंडार गृह में है और इसमें कुछ असाधारण नहीं है। ऐसे में ईरान की कमी को पूरी करना सऊदी अरब के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति है।

उत्पादन के साथ भंडारण बड़ी चुनौती
तेल उत्पादन और भंडारण एक बड़ी चुनौती है। आपूर्ति बनाए रखने और ग्राहकों को परेशानी से बचाने के लिए सऊदी अरब भंडारण क्षमता को बेहतर करने की तैयारी में है। घरेलू भंडारण क्षमता बढ़ाने के साथ जापान के ओकिनावा में तेल भंडारण को तैयार करना है जिसका इस्तेमाल आपातकाल या विशेष रणनीति के तहत किया जाएगा।

रियाध के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलिह ने कहा है कि कुछ हफ्तों के भीतर 12.5 मिलियन (करीब 19 अरब लीटर) अधिक तेल का उत्पादन होगा जो अगस्त में हुए 10.4 मिलियन (16 अरब 70 करोड़ लीटर) से अधिक होगा। तेल भंडारण भी दो मिलियन बैरल (करीब 31 करोड़ 80 लाख लीटर) होगा।

जेवियर ब्लास, तेल, गैस, खनिज, कृषि और उत्पादन क्षेत्र के जानकार

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