पशु चिकित्सा और संरक्षण समूहों के 500 से ज़्यादा विशेषज्ञों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) से मेंढकों के अत्यधिक दोहन को समाप्त करने और प्रजातियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया है।
इंडोनेशिया और तुर्की की प्रजातियां भारी दबाव में
यूरोपीय संघ हर साल 8-20 करोड़ मेंढकों का आयात करता है जिनमें से अधिकांश की खपत फ्रांस में होती है। दो गैर-लाभकारी संरक्षण संस्थाओं, रॉबिन डेस बोइस और प्रो वाइल्डलाइफ के अध्ययन के अनुसार अधिकांश मेंढक इंडोनेशिया, तुर्की और अल्बानिया की जंगली आबादी के साथ-साथ वियतनाम से खरीदे जाते हैं। जहां इनकी घटती आबादी से जैव विविधता को खतरा है। यूरोपीय संघ के किसी भी अन्य देश की तुलना में फ्रांस में मेंढकों की टांगों को खाने का चलन अधिक है और यही क्रेज इन जीवों के लिए घातक साबित हो रहा है।
रोक के लिए सोशल मीडिया पर भी अभियान
फ्रांस में खासतौर से क्रिसमस के दौरान मेंढकों की मांग काफी बढ़ जाती है। रॉबिन डेस बोइस और प्रो वाइल्डलाइफ संगठन फ्रांसीसी उपभोक्ताओं को मेंढक के पैर खरीदने से पहले दो बार सोचने के लिए फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान भी चला चुके हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि मेंढकों की हजारों प्रजातियों में से कुछ पहले से ही पीड़ित हैं। कई वर्षों से गहन व्यावसायिक पैदावार के कारण गिरावट जारी है।
पारिस्थितिक संतुलन गड़बड़ाने की आशंका
मेंढक पारिस्थितिक तंत्र और खेतों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टैडपोल (प्रारंभिक अवस्था) तालाबों में पानी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं और मेंढक किसानों को कम कीटनाशकों का उपयोग करने में मदद करते हैं। वे मच्छरों को खाकर संक्रामक बीमारियों को दूर रखने में भी मददगार साबित होते हैं। अगर इन जीवों की आबादी में गिरावट हुई तो पारिस्थितिक संतुलन गड़बड़ाने की आशंका है।
देश प्रतिशत
इंडोनेशिया – 80.3
वियतनाम – 13.1
तुर्की – 3.4
अल्बानिया- 1.0
अन्य – 2.2 स्रोत: रॉबिन डेस बोइस ये भी पढ़ें- कछुए का मांस खाने से 8 बच्चों समेत 9 लोगों की मौत, 78 की हालत गंभीर