कृष्णजन्माष्टमी: गोपाल मंदिर में श्रीकृष्ण के मुकुट में सजेगा भगवान श्रीराम का नाम
जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के साथ श्रद्धालु श्रीराम का नाम भी निहार सकें। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में श्रीराम के नाम को स्थापित किया गया है।
ग्वालियर। जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के साथ श्रद्धालु श्रीराम का नाम भी निहार सकें। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में श्रीराम के नाम को स्थापित किया गया है।
यह नाम मुकुट में लगे हरे रंग के बड़े आकार वाले पन्ने में गोदा गया है, जिसमें सोने के तारों का उपयोग कर मीनाकारी की गई है। जिसे दूर से देख पाना मुश्किल है।
लेकिन जो लोग आभूषण कमेटी में शामिल हैं, वे सबसे पहले इसे नजदीक से देख सकेंगे। उसके बाद मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों को भी दोनों अवतारों के दर्शन का लाभ मिलेगा। मुकुट पर लिखे गए भगवान राम के नाम की जानकारी चंद लोगों को छोड़ कर किसी को भी नहीं है।
गोपाल मंदिर में चल रहा साज-सज्जा का काम
अनमोल हैं आभूषण
तत्कालीन सिंधिया रियासत द्वारा बनवाए गए गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के लिए विशेष प्रकार के आभूषणों का निर्माण कर भेंट किए गए थे। जिसका ऑडिट वर्ष 2007 में महापौर विवेक शेजवलकर द्वारा कराया गया उस दौरान आभूषणों की कीमत करीब 2 से 3 करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन श्रद्धा से जुड़ी भावनाओं की कोई कीमत नहीं होती। यह तो अनमोल है।
मुकुट जिसमें (पंख), पुखराज व माणिक जड़ाऊ तथा बीच में पन्ना लगा है
मुकुट के पीछे कलंगी मय कांच व पड़ी , झुमके 2 नग
बांसुरी जिसमें सोने के घुंघरू लगे हैं 1 नग
सोने तोड़े की कडि़यां (कड़े) जो पतले सोने के तारों से बांधी जाती हैं।
सोने के तार में पिरोए हुए 62 मोती और 55 पन्ने का सत लड़ी का हार
छड़ी सोने की 1 नग
आभूषणों का ऑडिट 2007 में कराया गया था, जिसकी कीमत करीब 2 से 3 करोड़ आंकी गई थी, लेकिन यह एंटिक होने से अनमोल है। श्रीराम के नाम की जानकारी मुझे भी नहीं हैं। इस बार खुद देखूंगा। अगर यह कलाकारी है तो उसे दूसरों को दिखाने के प्रबंध भी किए जाएंगे।