थाने में दर्ज मामले के अनुसार एसआई अखिलेश कुमार ने तहरीर में बताया था कि 6 फरवरी 2012 को वह ड्यूटी पर मौजूद थे। उन्होंने पूर्व विधायक चौधरी बशीर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसी समय हजारों समर्थकों के साथ मंत्री बशीर जुलूस के रूप में नामांकन दाखिल करने जा रहे थे। वहीं जुलूस में शामिल लोग धार्मिक नारेबाजी और शोर कर रहे थें। जिसकी वजह से रास्ता जाम हो गया था। आसपास के लोग डर के मारे अपनी दुकानों के शटर गिराने लगे। बता दें, बिना अनुमति जुलूस निकाला जा रहा था। मामले में चौधरी बशीर समेत 38 लोगों के खिलाफ 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 7 सीएलए एक्ट व अन्य धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था।
अभियोजन की तरफ से वादी सहित 7 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने मामले में स्वतंत्र गवाह का अभाव बताया। घटना की रिपोर्ट चुनाव आयोग को प्रेषित नहीं करने, पोस्टर-झंडे की बरामदगी नहीं करने आदि तथ्यों के आधार पर आरोपियों को बरी करने के आदेश किए।