काउंसिलिंग हुई। पत्नी ने कहा कि वह साथ रहने को तैयार है। उसकी शर्त है कि पति मोबाइल में लॉक नहीं लगाएंगे। वह उनका फोन चेक कर सकती है। दोनों के बीच कोई बात छिपी नहीं होनी चाहिए। यह देख पति ने भी शर्त रखी कि किसी का फोन आने पर पत्नी स्पीकर ऑन करके बात करेगी। दोनों ने एक-दूसरे की शर्त मान ली। सुलह हो गई, रविवार को काउंसलिंग के दौरान आठ जोड़ों के बीच समझौता कराया गया। सात मामलों में मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की गई।
मामला एटा की युवती और पिनाहट के युवक एक कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे थे। अप्रैल 2022 में दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ। जाति अलग होने से परिवार वालों ने शादी की मंजूरी नहीं दी। दोनों ने अगस्त 2022 में आगरा के एक आर्य समाज मंदिर में शादी की। शादी के एक साल बाद ही दोनों में शक पैदा हो गया। फोन और व्हाट्सएप पर दोनों ने लॉक लगा दिए। मामला इतना बढ़ा गया कि चार महीने पहले पति, पत्नी को अकेला छोड़कर चला गया। पत्नी ने परिवार परामर्श केंद्र में न्याय की गुहार लगाई।
आरोप लगाया कि पति ने फोन में हर एप पर अलग-अलग तरीके के लॉक लगा रखे हैं। फोन आने पर घर से बाहर जाकर बात करते हैं। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी को जब देखो तब फोन पर ही बातें करती रहती है। पूछने पर झगड़ा करती है, काउंसलर अमित गौड़ ने दोनों पक्षों को समझाकर समझौते के लिए राजी किया। इसके बाद तय हुआ कि पति-पत्नी दोनों फोन को लाउडस्पीकर मोड पर डालकर बात करेंगे। कोई व्हाट्सएप चेटिंग डिलीट नहीं करेगा। व्हाट्सएप का कॉल लॉग भी डिलीट नहीं करेंगे। पति-पत्नी दोनों मोबाइल में कोई लॉक नहीं लगाएंगे। पासवर्ड, फेस और फिंगर प्रिंट लॉक नहीं लगाएंगे।