उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, “कुछ दिन पहले मिस्र के स्टूडेंट बाहर सिगरेट पी रहे थे। लोकल स्टूडेंट्स ने सिगरेट पीने से मना किया। इसके बाद मिस्र के स्टूडेंट बड़ी संख्या में आए और लोकल स्टूडेंट्स को पीटा। इसके बाद बाहरी छात्रों को लेकर विवाद बढ़ गया, जिससे हालात बिगड़े गए।” हालांकि उन्होंने बताया है कि अब स्थानीय प्रशासन ने फोर्स की तैनाती की है जिसके बाद स्थिति थोड़ी ठीक है। दौसा जिले के करीब 4-5 स्टूडेंट हैं। कोटा से करीब आधा दर्जन छात्र हैं, जबकि अकेले बांसवाड़ा जिले से करीब 700 छात्र हैं।
दहशत में भारतीय छात्र
हमले के बाद से भारतीय छात्र काफी डरे हुए और दहशत में हैं। छात्र सोशल मीडिया पर भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं। छात्रों ने अपने अभिभावकों को घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद से परिजन भी चिंतित हैं। हालांकि स्थानीय जिला प्रशासन ने बताया कि सभी छात्र सुरक्षित हैं। उन्हें सुरक्षित भारत लाने के लिए राज्य सरकार से संपर्क साधा जा रहा है। सभी छात्रों के हर संभव मदद करने का प्रयास किया जा रहा है।
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दो दिन से नहीं हो सका संपर्क
जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले तक छात्रों से संपर्क हो रहा था, लेकिन अब बात नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि इंडियन एंबेसी ने नोटिफिकेशन जारी कर वीडियो सोशल मीडिया पर न डालने को कहा है। इसके अलावा, कॉलेज प्रशासन ने भी छात्रों को मीडिया के संपर्क में न आने को कहा है और हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स छिपकर जैसे-तैसे संपर्क कर रहे हैं।