आगरा

यूपी के इस जिले में 533 लोग खोज रहे टीबी के मरीज, टोल फ्री नम्बर जारी, देखें वीडियो

भारत को टीबी मुक्त करने का यह चौथा चरण चल रहा है। 10 जून से शुरू हुआ अभियान 22 जून 2019 तक चलेगा।

आगराJun 13, 2019 / 08:08 pm

धीरेंद्र यादव

डॉ़क्टर

आगरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग कार्य में जुट गया है। ताजमहल के शहर आगरा में 533 लोग टीबी के मरीज खोज रहे हैं। घर-घर जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग चाहता है कि टीबी के मरीज स्वयं भी आगे आएं, ताकि उनका इलाज हो सके। टीबी लाइलाज नहीं है। टीबी मरीजों को पंजीकरण के लिए टोल फ्री नम्बर भी जारी किया गया है।
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167 टीम अभियान में जुटीं

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. यूबी सिंह ने प्रतापपुरा चौराहे स्थित होटल ऑरेंज में पत्रकारों को टीबी के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत को टीबी मुक्त करने का यह चौथा चरण चल रहा है। 10 जून से शुरू हुआ अभियान 22 जून 2019 तक चलेगा। इसमें जनपद आगरा के दो क्षेत्र ब्लॉक सैंया और आगरा वेस्ट (जिला चिकित्सालय के आसपास) की जनसंख्या लगभग 5 लाख को चिह्नित किया गया है। अभियान में 32 सुपरवाइजरों के साथ 167 टीम कार्य कर रही हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य शामिल हैं।
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टीबी रोगी को तत्काल देखा जाए

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए निजी अस्पतालों का योगदान पहले से ज़्यादा कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में टीबी के मरीज़ को ओ.पी.डी. की लाइन में इंतजार नहीं करवाना चाहिए । टीबी के मरीज को ओ.पी.डी. में तुरंत देखना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी का मरीज अगर लाइन में देर में खड़ा रहेगा तो उस मरीज़ के आस पास खड़े लोगों को भी टीबी होने का खतरा रहता है। डॉ. सिंह ने बताया कि अब टीबी का मरीज अपने इलाज लिए एक कॉल करके भी पंजीकरण करा सकता है । टोल फ्री नंबर है– 1800116666।
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TB
दो घंटे में टीबी की जांच

उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. योगेश्वर दयाल ने बताया कि पूरी दुनिया में से 1/4 टीबी मरीज भारत में पाए जाते हैं और इस 1/4 में से 1/5 टीबी मरीज उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं। उनका मानना है कि अगर इसी रफ़्तार से यह कार्य चलता रहा तो भारत 2025 तक टीबी मुक्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि टीबी की बीमारी मरीज को है या नहीं, इसके लिए मशीन भी उपलब्ध कराई गयी है। यह मशीन “सीबी नेट मशीन” के नाम से जानी जाती है और यह मशीन सिर्फ 2 घंटे में रिपोर्ट देती है।
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टीबी
नौ महीने चलता है टीबी का इलाज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि सरकार चाहती है कि भारत टीबी मुक्त देश बने, फिर चाहे मरीज़ अपना इलाज सरकारी अस्पतालों से कराये या फिर प्राइवेट अस्पतालों से। मरीज़ कहीं से भी इलाज कराए, लेकिन पूरी अविध तक कराए। टीबी का इलाज कम से कम 9 महीने चलता है। उन्होंने बताया कि वह खुद अपने टीबी के मरीज़ों को पिछले 40-45 साल से मुफ्त में टीबी की दवाई उपलब्ध कराते हैं।
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टीबी
एचआईवी ग्रसित व्यक्ति को जरूर होती है टीबी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अशोक शिरोमणि ने बताया कि जिन मरीजों को एच.आई.वी. जैसी बीमारी होती है, उनमें से 99 प्रतिशित मरीजों को टीबी की बीमारी होती है। टीबी की बीमारी दांत और बाल को छोड़ कर शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में हो सकती है। उन्होंने बताया कि किस मरीज़ को टीबी है, उसका एच.आई.वी का भी टेस्ट होना अनिवार्य है। यह जानकारी भी दी कि अगर मरीज का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है और महंगी होने के कारण दवाई नहीं ले पा रहा है तो उसे सरकार मुफ्त में दवाई उपलब्ध करवा रही है। इस मौके पर स्वास्थ्य योजनाओं के प्रति आम जनता को जागरूक रही एनजीओ सीफार के समन्वयक सुनील कुमार भी मौजूद थे।
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