आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया, पुलिस ने मामला संज्ञान में लिया
आगरा•Sep 05, 2018 / 01:22 am•
Lalit Saxena
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आगर-मालवा. जनसुनवाई के दौरान मंगलवार को कलेक्टोरेट में सुसनेर के समीप ग्राम मोड़ी निवासी एक ग्रामीण ने आवेदन प्रक्रिया सम्पन्न कराने के दौरान कीटनाशक गटक लिया। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसका उपचार जारी है। अस्पताल की तहरीर पर पुलिस ने मामला जांच में लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम मोड़ी निवासी रमेश अपनी जमीन पर हुए कब्जे की शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुंचा था। उसने अपने आवेदन में ग्राम पंचायत सचिव नारायणलाल सहित दो अन्य लोगों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसी बीच अचानक आवेदक ने जेब से चूहामार दवाई निकालकर गटक ली।
कलेक्टोरेट परिसर में जब कर्मचारियों व अन्य लोगों ने यह माजरा देखा तो तत्काल जनसुनवाई में मौजूद डॉ शशांक सक्सेना को बाहर बुलाया गया। डॉक्टर रमेश को स्वयं के वाहन से जिला अस्पताल ले गए और उपचार किया। रमेश अपनी जमीन पर हुए कब्जे को लेकर काफी दिनों से परेशान चल रहा था।
आरोपियों ने बुलाकर की मारपीट
उसने शिकायती आवेदन में बताया कि उसकी जमीन पर कब्जे करने के लिए खेजडिय़ा खेड़ी के पंचायत सचिव नारायण और गांव के दो अन्य लोगों ने उसे बलाकर उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उसने बताया कि अपनी जमीन के कर के रूप में पंचायत सचिव को 10 हजार रुपए दिए थेलेकिन उसने रसीद 3200 रुपए की दी। जब पीडि़त ने उससे बकाया पैसा मांगा तो उन्होंने उसके साथ मारपीट की। जब इस संबंध मेंं पंचायत सचिव नारायण से चर्चाकी गई तो उन्होने बताया कि मामला पारिवारिक विवाद का है। इसमें न जाने क्यों मेरा नाम घसीटा जा रहा है। मैं रमेश से एक-दो बार ही मिला होगा। मुझे उसकी शक्ल भी ठीक से याद नही। आरोप निराधार है।
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डूब प्रभावितों ने मुआवजा मांगा
सुसनेर. ग्राम सेमली गरडा बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग ने किया है। बांध का कार्य पूणै हो चुका है परंतु जिन किसानों की भूमि डूब में आई है। उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। कई बार किसानों ने राजस्व अधिकारियों व बांध निर्माण करने वाले वालों को शिकायत की लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। किसानों ने शीघ्र मुआवजा दिये जाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की है। इसके लिए कलेक्टर आगर को जनसुनवाई में मांग पत्र सौंपा है। बालूसिंह, हिम्मतबाई, प्रेमबाई, प्रतापसिंह, कालूसिंह, दुलेसिंह, गोकुलसिंह और बने सिंह मौजूद थे।