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आगरा

राष्ट्रीय लोक अदालत में 11,260 वादों का हुआ निस्तारण

स्वाभिमान को त्याग कर कोई फैसला न करें : जनपद न्यायाधीश

आगराApr 23, 2018 / 08:01 am

धीरेंद्र यादव

National Lok Adalat

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आगरा। राष्ट्रीय लोक अदालत के इस पावन पर्व का उद्देश्य है कि ज्यादा-से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करके तथा उनके दुख दर्द का निस्तारण किया जाए। लोक अदालत ही एक ऐसा माध्यम है जिसमें त्वरित, सस्ता न्याय मिलता है, जिसमें एक ओर समय की बचत होती है वहीं दूसरी ओर दोनो पक्षों का भला होता है। यह विचार जनपद न्यायाधीश सरोज यादव ने दीवानी न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में वादों का निस्तारण आपसी मेल-जोल से किया जाता है किन्तु स्वाभिमान को त्याग कर कोई फैसला न करें।
हुआ शुभारम्भ
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश द्वारा फीता काटकर किया। तत्पश्चात मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर तथा माला भेंट की। राष्ट्रीय लोक अदालत की नोडल अधिकारी अपर जिला जज रीता सिंह ने कार्यक्रम में बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में शीघ्र सस्ता न्याय प्राप्त करने का एक मात्र साधन है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने अपने सभी न्यायिक साथियों से अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा वादों का निस्तारण करके पुनः जनपद को प्रदेश में प्रथम स्थान पर लाएं।
हैट्रिक लगाने का करें प्रयास
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशीष कुमार चैरसिया ने बताया कि सभी अधिकारी, कर्मचारी तथा बैंको की मद्द से पिछली दो राष्ट्रीय लोक अदालत में आगरा प्रथम स्थान पर रहा है। इस बार भी हम लोग अधिकाधिक मात्रा में वादों का निस्तारण कर रहे हैं, जिससे प्रदेश में प्रथम स्थान पाकर हैट्रिक कर सकें। राष्ट्रीय लोक अदालत के सचिव डाॅ. अवनीश कुमार ने बताया कि आज कि राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायाधीश द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर का 01 वाद, जिसमें प्रतिकर धनराशि 1,84,000 रुपये पीड़ित पक्ष को दिलाई गई एवं 46 अन्य वाद निस्तारित किए गए। अपर जिला जज अश्विनी कुमार त्रिपाठी द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर का 01 वाद एवं 07 अन्य वाद निस्तारित किए गए। अपर जिला जज अशोक कुमार यादव द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 01 वाद, जिसमें प्रतिकर धनराशि 1,55,000 रुपये पीड़ित पक्ष को दिलाई गई एवं 230 विद्युत वाद निस्तारित किये गये। अपर जिला जज अहमद उल्ला खाँ द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर का 01 वाद एवं 31 अन्य वाद निस्तारित किए गए। अपर जिला जज भूपेन्द्र राय द्वारा मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 03 वाद, जिसमें प्रतिकर धनराशि 6,20,000 रुपये पीड़ित पक्ष को दिलाई गई एवं 25 अन्य वाद, जिसमें वसूल धनराशि 8,000 रुपयें सम्मिलित है। इस लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशीष कुमार चैरसिया द्वारा कुला 2761 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें जुर्माना धनराशि-44,630 रुपये शामिल हैं।

फौजदारी व राजस्व के 781 वादों का निस्तारण
इस आयोजन को सफल बनाने हेतु एडीजे कोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट तथा सिविल कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें एडीजे कोर्ट, मजिस्ट्रेट कोर्ट तथ सिविल कोर्ट द्वारा कुल 10168 वादों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी कचहरी, आगरा के अलावा तहसील स्तर पर भी किया गया, जिसमें फौजदारी व राजस्व से सम्बन्धित कुल 781 वादों का निस्तारण कलेक्ट्रेट एवं तहसील स्तर के न्यायालयों द्वारा किया गया। इस लोक अदालत में उप श्रमायुक्त विभाग के 46 वादों का निस्तारण किया गया।

इन 265 वादों का भी हुआ निस्तारण
इस लोक अदालत में भारतीय संचार निगम लिमिटेड एवं विभिन्न बैंकों के कुल 265 वादों का प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निस्तारण कराया गया, जिसमें समझौता धनराशि-11196404 रुपये सम्मिलित है। इस आयोजन हेतु जगह-जगह पूछताछ केन्द्र बनाए गए, जिस पर अधिवक्तागण एवं पराविधिक स्वयं सेवकों की उपस्थिति सुनिश्चित की गयी। वादीगण द्वारा अपने वादों के निस्तारण हेतु अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर निस्तारण कराया गया। बैंक व मोबाइल कंपनियों से सम्बन्धित मामलों से सम्बद्ध पीठों की स्थापना की गई जिनके द्वारा प्रीलिटिगेशन के माध्यम से वादों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार जनपद आगरा में जिला मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर कुल 11,260 वादों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया।

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