मुख्तार अंसारी के 32 वर्ष पुराने मुकदमे की सुनवाई में नहीं पहुंचे वादी, दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ गैर जमानती वारंट
— आगरा के थाना जगदीशपुरा में 32 साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। यूपी के आगरा में 32 साल पहले मुख्तार अंसारी पर दर्ज हुए मुकदमे की सुनवाई में न पहुंचने पर कोर्ट ने एक इंस्पेक्टर और एक चौकी इंचार्ज के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। शनिवार को सुनवाई के दौरान आरोपी मुख्तार अंसारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 30 तारीख तय की है।
बता दें कि मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में सेंट्रल जेल में बंद था। उस दौरान मुख्तार अंसारी की बैरक से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद हुए थे। इस मामले में जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन एसओ शिव शंकर शुक्ला ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी के खिलाफ आरोप तय कर विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट नीरज गौतम ने मुकदमे के वादी शिवशंकर शुक्ला और तत्कालीन चौकी प्रभारी रूपेंद्र गौड़ को गवाही के लिए हाजिर होने को समन जारी किए थे। शनिवार को इस मामले की सुनवाई थी लेकिन दोनों ही गवाह सुनवाई में नहीं पहुंचे। ऐसे में अदालत ने अपने आदेश में कहा कि गवाह शिव शंकर शुक्ला पर समन व्यक्तिगत रूप से तामील हुआ और रूपेंद्र गौड़ पर रेडियोग्राम के जरिये समन प्रेषित किया गया था। बावजूद इसके वह दोनों शामिल नहीं हुए। कोर्ट ने यह माना कि अभियोजन पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में उदासीनता बरत रहा है। कोर्ट ने वादी शिवशंकर शुक्ला और रूपेंद्र गौड़ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। शिव शंकर शुक्ला सेवानिवृत्त होकर कानपुर में रह रहे हैं। रूपेंद्र गौड़ रामपुर में एएचटीयू थाना प्रभारी हैं। हाल में वे अमरोहा के तिगड़ी मेले में ड्यूटी दे रहे हैं। अदालत ने एसएसपी मुरादाबाद को वारंट और नोटिस तामील करके तय दिनांक पर अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। मुख्तार अंसारी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रवि अरोरा ने कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन थाना प्रभारी जगदीशपुरा शिव शंकर शुक्ला, चौकी प्रभारी रूपेंद्र गौड़, जिलाधिकारी राजेंद्र कुमार तिवारी, एसएसपी सुवेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डीसी मिश्रा, एडीएम सिटी एके सिंह, सीएमओ एके सक्सेना, सिटी मजिस्ट्रेट पीएन दुबे, वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार केदार नाथ, जेलर कुलदीप नरायन के बयान दर्ज होने हैं।
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