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गुजरात से पलायन कर रहे उत्तर भारतीय, कपड़ा व्यापारी ने मुख्यमंत्रियों को दिखाया आइना

गुजरात और आगरा कपड़ा तथा इंजन उद्योग के मामले में एकदूसरे पर निर्भर हैं।

आगराOct 09, 2018 / 08:38 am

suchita mishra

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आगरा। गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितम्बर को नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार हुआ। इसके बाद छह जिलों में हिन्दी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा भड़क उठी। उत्तर प्रदेश के लोग अपने जिलों को लौट रहे हैं। बाह क्षेत्र के सैकड़ों लोग लौट आए हैं। गुजरात और गुजरात एकदूसरे पर निर्भर है। गुजरात की निर्भरता आगरा के इंजन उद्योग पर है। आगरा की निर्भरता गुजरात के कपड़ा उद्योग पर है। इस तरह दोनों एक दूसर के पूरक हैं। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता, समाजसेवी और कपड़ा व्यापारी सुनील विकल ने भाजपा को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि जो पार्टी राष्ट्रीय सोच रखती है, उसके शासित राज्य में क्षेत्रवाद को हवा दी जा रही है।
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पिछड़ जाएंगे राज्य

श्री विकल ने पत्रिका से बातचीत में कहा- उद्योग-धंधा और व्यापार की रीढ़ श्रम शक्ति होती है। पूरे देश में कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां से लोग दूसरे राज्यों में जाकर जीवन यापन करते हैं और उन राज्यों को समृद्ध बनाने का काम करते हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के उद्योगों को आगे बढ़ाने का काम बिहार, यूपी, उड़ीसा राज्य के श्रमिक कर रहे हैं। गुजरात हिंसा ऐसे ही जारी रही तो ये राज्य पिछड़ जाएंगे। वैसे भी यह राज्य सरकार की विफलता है, चाहे सरकारी किसी भी दल की है। भाजपा शासित राज्यों में क्षेत्रवाद पनपने लगा है, तो यह अच्छा संकेत नहीं है। सामाजिक समरसता के ढांचा के लिए घातक है।
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गुजरात और आगरा की निर्भरता

श्री विकल ने बताया कि आगरा का इंजन उद्योग गुजरात पर निर्भर है। गुजरात का कपड़ा उद्योग आगरा पर निर्भर है। व्यापार और रोजगार का संतुलन एक दूसरे पर निर्भर हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों की तरह सभी राज्य एक दूसरे पर निर्भर हैं। गुजरात के सूरत और अहमदाबाद से कपड़ा आगरा आता है। अगर यही क्रम रहा और लोग जाने से डरेंगे तो कौन जाएगा सूरत। फिलहाल कपड़ा उद्योग पर कोई प्रभाव नहीं है, तत्काल प्रभाव होता भी नहीं है। असर बाद में पड़ता है।
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पूरे वर्ग को टारगेट बनाना गलत

उन्होंने बताया कि गुजरात में बहुसंख्यक श्रमिक पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं। किसी भी अपराध की घटना को किसी प्रदेश, जाति, धर्म से जोड़ाना ठीक नहीं है। अपराधी किया है तो सरकार कार्रवाई करे। उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोगों ने उस अपराधी को कोई समर्थन और सहयोग किया नहीं होगा। अपराध करने के बाद पूरे वर्ग को टारगेट बनाना गलत है।
राज्यों का आकलन करें

श्री विकल ने सवाल किया है कि अगर उत्तर प्रदेश के श्रमिक दूसरे राज्य में जा रहे हैं तो उसका मतलब यही है कि अपने राज्य में रोजगार नहीं है। यह विचारणीय विषय है। सारा देश भाजपा शासित है, तो यूपी में भी रोजगार उपलब्ध कराए जाएं। श्रमिक दूसरे राज्य में जाते हैं तो उनकी मजबूरी होती है, क्योंकि संसाधन नहीं मिलते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, अपने राज्यों का आकलन करें।
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मुख्यमंत्री का दायित्व

मुख्यमंत्री का नैतिक दायित्व है कि उसके राज्य का व्यक्ति दुनिया में कहीं भी हो, उसकी सुरक्षा की चिन्ता करे। महाराष्ट्र में शुरू हुआ घटनाक्रम गुजरात में हो रहा है, हर राज्य में ऐसा होगा तो देश कैसे चलेगा। गुजरात के बहुसंख्यक लोग विदेशों में जाकर पैसा कमाते हैं और हिन्दुस्तान को कुछ नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा का आदमी विदेशों में पलायन नहीं कर रहा है। अपने ही देश में जाते हैं। जो राज्य श्रमिकों के दम पर पैसा कमाते हैं वे उन्हें ही मार रहे हैं, यह बहुत शर्मनाक बात है।

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