बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार दोपहर को ही लखनऊ से आगरा पहुंचने वाली थीं, लेकिन उन्हें एक्सप्रेस वे पर ही हिरासत में ले लिया गया। सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि के अंतिम संस्कार के बाद उन्हें सिर्फ चार लोगों के साथ आगरा जाने की अनुमति दी गई। देर रात करीब 11 बजे वह एक्सप्रेस वे के रास्ते आगरा पहुंची और पुलिस हिरासत में मारे गए अरुण कुमार के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने अरुण कुमार की मां और पत्नी ढांढस बंधाते हुए भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ है। इसके बाद प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में अरुण के परिजनों से काफी देर तक वार्ता की।
यह भी पढ़ें-
कांग्रेस को बड़ा झटका : प्रियंका गांधी के सलाहकार व पूर्व सांसद ने दिया पार्टी से इस्तीफा, जानिये कौन हैं हरेन्द्र मलिक प्रियंका बोलीं- इलेक्ट्रिक शॉक देकर मारा पीड़ित परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि अरुण के परिजनों के अनुसार, उसको इलेक्ट्रिक शॉक देकर मारा गया है। पुलिस ने वाल्मीकि समाज के 17 से 18 लोगों को उठाकर बेरहमी से पीटा है। अरुण की पत्नी ने बताया है कि महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी उसकी पिटाई की है। अरुण के हाथ बांधकर बेरहमी से मारा गया। प्रियंका का कहना है कि परिजनों के अनुसार, उन्होंने 2 बजे अरुण से मुलाकात की और 2:30 बजे उनसे कहा गया कि अरुण की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के दौरान भी एक भी परिजन मौजूद नहीं था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी परिजनों को नहीं दी गई।
‘यकीन नहीं आ रहा आजाद भारत में ऐसा हो सकता है’ प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि आजाद भारत में ऐसा हो सकता है। यह कैसा देश बना रहे हैं हम, क्या इस देश में किसी के लिए न्याय नहीं है। इंसाफ केवल मंत्रियों के लिए है, जिनके बेटे अन्याय करते हैं। अब सरकार ने चुप्पी क्यों साध रखी है। परिजनों का आरोप है कि 10 लाख रुपये लेकर उन्हें चुप रहने को कहा गया है, लेकिन हमें न्याय चाहिए।