ताजगंज के गांव कहरई निवासी कौशल किशोर रावत ने भी शहादत दी। शहीद कौशल रावत के भाई कमल किशोर ने बताया कि एक दिन पहले ही उनके भाई ने फोन किया था और बताया था कि वे जम्मू कश्मीर पहुंचेंगे। सिलीगुड़ी से जम्मू कश्मीर पहुंचने की बात कह कर छोटे भाई कौशल रावत ने अपने भाई से कहा था वहां खतरा है। लेकिन, इसके बाद कौशल रावत ने कहा था कि मेरी चिंता मत करना सब ठीक है। कमल किशोर का कहना है कि कौशल बहुत की सहृदय थे। उनमें देशभक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा था। परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी हो चुकी है और बेटे पढ़ाई कर रहे हैं।
परिवार में उनके कारीबियों को जब कौशल रावत की शहादत की खबर मिली तो सभी शोक में डूब गए। शहीद हुए जवान की शहादत बेकार नहीं जाए, इसलिए परिजन चाहते हैं कि अब सरकार अंतिम निर्णय ले और आतंकवाद के साथ साथ पाकिस्तान को भी खत्म करे। शहीद का शव आने का इंतजार पूरे गांव को है।