शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के भाई ऋषभ ने एक मीडिया वेबसाइट को बताया कि भाई को सिग्नल कोर में कमीशन मिला, फिर भी उन्होंने उसे छोड़कर पैरा ज्वाइन किया। जब कभी भी शहीद सुभम गुप्ता किसी सीक्रेट मिशन पर होते थे तो उनका फोन बंद रहता था। उनके अंदर हमेशा से ही देश के प्रति अदभुत जज्बा था। उन्हें बचपन से वर्दी बहुत पसंद थी।
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सर्च ऑपरेशन में आतंकियों ने की गोलीबारीदरअसल, राजौरी में बुधवार यानी 22 नवंबर को आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई और इसमें सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। इन शहीद जवानों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल हैं। सेना को यह जानकारी दी गई थी कि आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जैसे ही सेना नजदीक पहुंची, तो आतंकी ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे।