भारत स्वदेशी को गंभीरता से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चंगुल से बचाए
विदेशों में स्वदेशी को चुनावी मुद्दा तक बना लिया गया है
स्वदेशी जागरण मंच ने बाबू गेनू का बलिदान दिवस मनाया
विदेशी वस्त्रों के विरोध पर बाबू गेनू को अंग्रेजों मार डाला था
आगरा। स्वदेशी जागरण मंच आगरा महानगर ने स्वदेशी आंदोलन हेतु प्रथम बलिदान देने वाले शहीद बाबू गेनू का बलिदान दिवस मनाया। श्री दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्दी समारोह समिति के तत्वावधान में यह आयोजन किया गया। इस मौके पर चीन को लेकर चिन्ता प्रकट की गई। भारत सरकार का आह्वान किया गया कि वह स्वदेशी आंदोलन को गंभीरता से ले और देश को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चंगुल से बचाए।
यह भी पढ़ेंआईपीएस बबलू कुमार को यूपी में मिला पहला स्थान, टॉप -10 में एटा, कासगंज और मथुरा के कप्तान भी शामिलविदेशी वस्त्रों का विरोध करने मार डाला था मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह कोष प्रमुख संजीव महेश्वरी ने कहा कि महज 22 वर्ष की आयु में 12 दिसंबर 1930 में मुंबई निवासी बाबू गेनू को विदेशी वस्त्रों का विरोध करने पर अंग्रेज अफसर द्वारा ट्रक के नीचे दबा दिया था। उनकी इस शहादत ने पूरे देश में स्वदेशी आंदोलन की अलख जगा दी थी। विदेशी कपड़ों का विरोध शुरू हो गया था।
यह भी पढ़ेंभूत-प्रेत, भगवान से बातें करना, देवी का मां का आना भी बीमारी है, इलाज कराएं, देखें वीडियोविचारों को प्रभावित करने की अलख कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में विश्वेन्द्र प्रताप सिंह (ADGC) स्वदेशी चिंतक ने बाबू गेनू के बारे में पूर्ण विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल अर्थ व्यवस्था तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विचारों को प्रभावित करने की अलख है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका, जर्मनी जापान सहित दुनिया के ज्यादातर देश अपने देश में स्वदेशी की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं और तो और स्वदेशी को चुनावी मुद्दा बना लिया है। भारत को स्वदेशी को गंभीरता से लेते हुये बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के चंगुल से बचाना होगा।
यह भी पढ़ेंTour Guide चार युगों के रहस्य को संजोए हुए है मधुवन का कृष्ण कुंडजन्मदिन पर केक काटकर 11 दीप जलाएं उन्होंने कहा कि चीन आज हमारे देश में खान-पान से लकर सिन्दूर व भागवत गीता तक का व्यापार करने लगा है। चीनी खाना तो अब हमारे देश में गांव – गांव तक पहुंच चुका है, जबकि अपने स्वदेशी व्यंजन से भारतीय बच्चे दूर होते जा रहे हैं। भारतीय संस्कारों और रीति रिवाजों पर विदेशी प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अब अवैज्ञानिक गैर जरूरी चीजों को भी भारतीय समाज अपनाता जा रहा है, जैसे जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाकर बुझाना ,जबकि भारतीय परंपरा में किसी परिवार में गमी के समय दीप बुझाए जाते हैं। प्रकाश करना तो हमारी सभ्यता में शुभता का प्रतीक है। अतः जन्मदिन पर केक काटकर 11 दीपों का प्रज्ज्वलन कर घर के विभिन्न भागों में रखना उचित रहेगा।
यह भी पढ़ेंभारी पुलिस बल लेकर सड़कों पर निकले SSP बबलू कुमार, देखें तस्वीरेंब्रांडेड की मांग देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करना कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन में आगरा विश्वविद्यालय के पर्यटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने कहा कि लंबे समय की गुलामी ने हमारे स्वाभिमान को गिरा दिया है, जबकि हममें हर बड़ा कार्य करने की सामर्थ्य है। उदाहरण के तौर पर क्रायोजेनिक इंजन व सुपर कंप्यूटर का निर्माण हमारे वैज्ञानिकों ने तभी किया, जब अमेरिका ने देने से मना कर दिया। भारतीय समाज में हर छोटी चीज के लिए भी ब्रांडेड की मांग करना हमारे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करना है।
बाबू गेन से सीख लेने का आह्वान कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रांत कोष प्रमुख ऋषि बंसल ने बाबू गेनू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा आज की युवा पीढ़ी को देशहित में उनसे सीख लेने का आव्हान किया कार्यक्रम का संचालन महानगर सह संयोजक डॉ. संपूर्ण सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन सर्वेश बाजपेयी महानगर संयोजक ने किया। कार्यक्रम में अनिल अग्रवाल, तरुण शर्मा, शकुन बंसल, रोहित महाजन, राहुल महाजन, उमेश गर्ग, अश्वनी चोपड़ा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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