प्रिलयूड पब्लिक स्कूल के समारोह में वंडर गर्ल नैना जायसवाल तथा गूगल बॉय अगत्स्य जायसवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। नैना जयसवाल ने अपनी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता पिता को दिया । नैना ने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल के समय का पूरी तरह से आनंद उठाया है क्योंकि वह स्पोर्ट्स पर्सन थी जिसके कारण उन्हें हर काम को करने में दुगना आनंद आता था । नैना ने बताया कि जब उनकी मम्मी ने कहा कि तुम सबसे अच्छी हो यह उनके लिए सबसे अच्छा कंपलीमेंट था।
नैना के माता पिता ने अपने उद्बोधन में कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को पर्याप्त समय देना चाहिए । हर बच्चे में कोई ना कोई प्रतिभा होती है तभी उस प्रतिभा का विकास पूरी तरह से हो सकता है । नैना ने बताया कि वह एक उत्तम नागरिक बनना चाहेंगी। देश की सेवा आईएएस ऑफिसर के रूप में करना चाहेंगी। उन्होंने अपनी प्रतिभा का योगदान करने के बारे में बताया कि वह पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के बारे में बेटी बचाओ अभियान के बारे में जागरूकता फैलाकर करना चाहती हैं।
नैना की मां ने बताया कि बच्चों को मूल्यों की शिक्षा शुरू से ही दी गई थी, जिसके कारण उन्हें कभी भी डांटने का मौका नहीं मिला। नैना के पिता जी से जब पूछा गया उनके गले में 10 फुट अजगर रहने का क्या कारण है ? तो उन्होंने बताया कि तेलंगाना में उन्हें दबंग के नाम से जाना जाता है। नैना को गोल्डन गर्ल कहे जाने का कारण उन्होंने बताया। उन्होंने बच्चों को याद करने की सरल तकनीक बताई और भाषा कौशल विकसित करने पर बल दिया।
वंडर गर्ल नैना जायसवाल ने 8 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा पास की थी। वह एशिया की ऐसा करने वाली एकमात्र महिला है, जो दोनों हाथों से लिखने में कुशल हैं। उन्होंने 17 साल की उम्र में पीएच डी की डिग्री हासिल की है। गूगल बॉय अगत्स्य ने 2 वर्ष की उम्र में तीन सौ सवालों तथा 5 वर्ष की उम्र में 3000 सवालों के जवाब देकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। 10 साल की उम्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। वह टेबल टेनिस के नेशनल प्लेयर हैं। अगत्स्य भी दोनों हाथों से लिखने में माहिर है।