पहाड़ी राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड में 25.7 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में 12.4 फ़ीसदी, जम्मू कश्मीर में 21.5 फ़ीसदी और लद्दाख में 6.9 फ़ीसदी घरों में यह सुविधा पाई गई है। दक्षिण के राज्यों में गौर करें तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा तेलंगाना में 42.2 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 19.6, केरल में 13.5 फीसदी, तमिलनाडु में 12 फ़ीसदी और कर्नाटक में 10.2 फ़ीसदी घरों में एससी या कूलर हैं।
उत्तर-पूर्व के राज्यों में देखें तो अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में 2.2 फ़ीसदी, सिक्किम में 2 फीसदी, मिजोरम में 1.9 फीसदी, असम में 1.7 फीसदी तथा मणिपुर और त्रिपुरा में 1.3 फीसदी घरों में यह सुविधा है।
उत्तर-पूर्व के राज्यों में देखें तो अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में 2.2 फ़ीसदी, सिक्किम में 2 फीसदी, मिजोरम में 1.9 फीसदी, असम में 1.7 फीसदी तथा मणिपुर और त्रिपुरा में 1.3 फीसदी घरों में यह सुविधा है।
केन्द्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ सबसे आगे केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा 77.9 फीसदी, दिल्ली में 74. 3 , पुदुचेरी में 31.6, दादरा नगर हवेली दमन दीव में 16.5 फ़ीसदी, अंडमान और निकोबार दीप समूह में 5.6 फीसदी परिवारों में ए.सी. या कूलर है।