-मां कस्तूरबा गांधी की ओर से पुत्र देवदास को लिखा पत्र।
-महात्मा गांधी ने १९२४ में हिंदू-मुसलमान एकता के लिए 21 दिन उपवास किया था। उस समय वह रोज देवदास को पत्र लिखते थे। वह सभी पत्र।
-महात्मा गांधी, महादेव देसाई, सरदार पटेल 1932 में यरवडा जेल में साथ में थे। तब देवदास गोरखपुर जेल में थे, उस समय गांधी की ओर से देवदास को लिखे पत्र।
-यरवडा जेल में सरदार पटेल उपयोग हो चुके कागजों से लिफाफा (एनवलप) बनाते थे। उन लिफाफों में रखकर महात्मा गांधी देवदास को पत्र भेजते थे। वह लिफाफे और पत्र दोनों शामिल हैं।
-सरदार पटेल की ओर से देवदास के विवाह के संबंध में लिखा पत्र।
-द्वितीय राउंड टेबल परिषद के लिए गांधीजी १९३१ में ब्रिटन गए थे। उनके साथ महादेव देसाई व देवदास भी गए थे। गांधीजी की मुलाकातों (अपोइन्टमेंट) की एक डायरी थी जिसमें गांधीजी की बैठकों के बारे में महादेव देसाई के साथ देवदास भी नोंध करते थे। वह डायरी भी सौंपी है।
देवदास को गांधी की ओर से लिखे गए पत्रों को उन्होंने संभाल कर रखा था। उन पर उन्होंने अपने भाव भी लिखे थे और वे इन पत्रों और भावों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करना चाहते थे, लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई। उसे उनके पुत्र गोपालकृष्ण गांधी ने पूरा किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (इंडिया) की ओर से अंग्रेजी में और नवजीवन प्रकाशन मंदिर की ओर से गुजराती में पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवा रहे हैं। प्रोफेसर त्रिदीप सुहृुद ने इन पत्रों का अनुवाद किया है। पुस्तक का काम पूरा होने पर गोपालकृष्ण ने इन पत्रों को साबरमती आश्रम को सौंप दिया।