अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर एक निजी कंपनी ने कियोस्क लगाया है, जहां अल्ट्रा वायलेट (ultra violet) विकिरण से यात्रियों के बैग कीटाणुरहित करने का दावा किया जाता है। इसके एवज में यात्रियों से प्रति बैग 10 रुपए वसूला जाता है, लेकिन यात्रियों का आरोप है कि कंपनी के कर्मचारी उनसे जबरन बैग सेनेटाइजिंग कराने का दबाव बनाते हैं। जबकि रेल प्रशासन ने यह सेवा अनिवार्य नहीं की है। यात्री कंपनी के कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करते हुए सोचते हैं कि यह अनिवार्य है और कोविड-19 प्रोटोकॉल का हिस्सा है जो प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने से पहले आवश्यक है। कंपनी के कर्मचारियों को रेलवे अधिकारियों ने चेतावनी दी गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि पश्चिम रेलवे सतर्कता विभाग ने भी उनके कदाचार की जांच की और उन्हें रंगे हाथों पकड़ा और पैनल्टी भी लगाई।
रेलयात्रियों ने मांग की है कि एक तरफ रेलवे गरीब यात्रियों को सेवा प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ रेलवे की नाक के नीचे एक निजी कंपनी यात्रियों को लूट रही है। रेलवे प्रशासन को इसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
अनिवार्य नहीं है सेवा
पश्चिम रेलवे-अहमदाबाद के जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा कि कोविड-19 (covid-10) के चलते अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों सेनेटाइजिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन कोई भी अनिवार्यता नहीं है। यदि निजी कंपनी के कर्मचारी ऐसे गतिविधि कर रहे हैं और उसकी शिकायतें मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।