script21 कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य ठहराने का निर्णय रद्द | Guj high court quahsed the list of disqualified directors by Ministry | Patrika News
अहमदाबाद

21 कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य ठहराने का निर्णय रद्द

 
-कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सितम्बर 2017 में जारी की थी 3 लाख अयोग्य निदेशकों की सूची

अहमदाबादDec 26, 2018 / 09:43 pm

Uday Kumar Patel

Ministry of corporate affairs, Directors list, Gujarat high court

21 कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य ठहराने का निर्णय रद्द

अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) की ओर से 21 कंपनियों के निदेशकों को अयोग्य ठहराए जाने के निर्णय को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने यह फैसला देते हुए कहा कि जब तक कानून का प्रावधान स्पष्ट नहीं हो वैसे मामलों में इस प्रावधान को पिछली तारीख से अमल में नहीं लाया जा सकता। मंत्रालय ने 12 सितम्बर 2017 को करीब तीन लाख अयोग्य निदेशकों की सूची जारी की थी। इनमें से करीब 21 अयोग्य निदेशकों ने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
याचिका में इन निदेशकों ने उनके नाम निदेशक के रूप में अयोग्य की सूची में शामिल करने और उनके डिरेक्टर्स आईडेन्टिफिकेशन नंबर (डिन) रद्द करने के निर्णय को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि वे दूसरी कंपनियों में भी निदेशक हैं। डिन रद्द किए जाने के बाद ये निदेशक, जो अन्य गैर डिफॉल्ट कंपनियों में निदेशक हैं, रिटर्न के लिए दस्तावेज नहीं जमा करा सकते।
न्यायालय ने इन निदेशकों को अयोग्य ठहराए जाने की सूची को रद्द करते हुए मंत्रालय को यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं के डिरेक्टर्स आईडेन्टिफिकेशन नंबर (डिन) एक्टिवेट किया जाए। न्यायालय ने यह भी कहा है कि यदि याचिकाकर्ता डिफॉल्ट करे या कानून का अमल नहीं करे तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने की छूट रहेगी।
न्यायालय ने कंपनी अधिनियम की धारा 164(2) की धारा को तब से जारी माना जब से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। यह अधिसूचना पहली अप्रेल 2014 को जारी की गई थी। इस धारा के तहत प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कोई निदेशक वार्षिक (एनुअल) रिटन्र्स दाखिल करने तथा लगातार तीन वर्ष की अवधि के फाइनेंसियल स्टेटमेंट के डिफॉल्ट करने पर अयोग्य हो सकता है।
न्यायालय के मुताबिक कंपनी के बंद होने की स्थिति में कंपनी अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार को निदेशकों के डीआईएन (डिन) डिएक्टिवेट करने का अधिकार नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि यह अवधि सिर्फ वित्तीय वर्ष 2014-15 से लागू होगी। वित्तीय वर्ष के अंत होने के छह महीने के भीतर वार्षिक सामान्य सभा होती है। वार्षिक रिटन्र्स एजीएम के 60 दिनों के भीतर वहीं फाइनेंसियल स्टेटमेंट एमजीएम के 30 दिनों के भीतर फाइल किया जा सकता है। इस तरह वार्षिक (एनुअल) रिटन्र्स और फाइनेंसियल स्टेटमेंट फाइल करने के लिए निदेशकों को क्रमश: 30 नवम्बर 2017 और 30 अक्टूबर 2017 को समय था। हालांकि यह सूची 12 सितम्बर 2017 को जारी की गई।

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