इमरजेंसी 108 एंबुलेंस सेवा की ओर से सोमवार को राज्यभर में विविध 4675 इमरजेंसी मामले रिसीव किए गए। आमदिनों में राज्य में 3709 मामले दर्ज होते हैं, जिसकी तुलना में यह 26.04 फीसदी अधिक है। इमरजेंसी मामलों में से सबसे अधिक 139.27 फीसदी मामले गैर वाहनों से संबंधित हैं। आमदिनों के 354 मामलों की तुलना में 847 मामले गैर वाहन हादसों के दर्ज हुए हैं, जबकि वाहन हादसों से जुड़ी इमरजेंसी के आमदिनों के 451 की तुलना में धुलंडी के दिन 810 मामले दर्ज हुए हैं, जो 79.60 फीसदी अधिक हैं।
पिछले आठ वर्षों के दर्ज मामलों को देखें तो वर्ष 2016 में धुलंडी के दिन इमरजेंसी मामलों में 20.48 फीसदी की वृद्धि हुई थी। वर्ष 2017 में 13.28 फीसदी, 2018 में 18.36, वर्ष 2019 में 12.99 फीसदी, वर्ष 2020 में 32.64, वर्ष 2021 में 35.03, वर्ष 2022 में 25.15 तथा वर्ष 2023 में 21.75 फीसदी अधिक मामले दर्ज हुए थे।
इन्हीं आंकड़ों के ट्रेंड को आधार मानकर 108 एम्बुलेंस की ओर से 29.09 फीसदी इमरजेंसी केस बढऩे की पूर्व आशंका जताई थी, जिसकी तुलना में यह संख्या 26 फीसदी के आसपास दर्ज की गई।
खेडा जिले में सर्वाधिक 270 फीसदी वाहन हादसे बढ़े धुलंडी के दिन खेड़ा जिले में वाहन हादसों में सबसे अधिक 270 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जिले में आमदिनों में दर्ज होने वाले औसतन 10 मामलों की तुलना में सोमवार को यह संख्या 37 हो गई थी। अहमदाबाद में आमदिनों के 74 वाहन हादसों की तुलना में धुलंडी पर यह संख्या 125 तक पहुंच गई, जो 69 फीसदी अधिक हैं। वडोदरा में 33 फीसदी, सूरत में 125 फीसदी तथा राजकोट में 80 फीसदी तक अधिक इमरजेंसी दर्ज की गईं।