मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात में सरकारी और स्थानीय निकायों या सार्वजनिक ट्रस्ट, धर्मस्थान, किसान या निजी स्वामित्व वाली जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा जमाने वालों से कड़ाई से निपटने के लिए यह अधिनियम पारित किया जाएगा। वैश्विक विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा गुजरात देश-दुनिया के निवेशकों, उद्यमियों, व्यापार-रोजगार के लिए निवेश के लिए पहली पसंद बन रहा है। पिछले दो दशकों में गुजरात के सर्वांगी विकास के चलते राज्य में आर्थिक, सामाजिक, व्यापारिक और कृषि प्रवृत्तियों में खासी वृद्धि हो रही है। विशेष तौर पर महानगरपालिका, औद्योगिक क्षेत्रों तथा आवासीय क्षेत्रों के लिए जमीन की खासी मांग बढ़ रही है। इसके चलते जमीन के दामों में भी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।
दोषी होने पर न्यूनतम दस वर्ष हो सकती है सजा जमीन खरीद-फरोख्त करने वाले कई लोग और निजी स्वार्थ वाले परिस्थिति का लाभ लेकर और आर्थिक उपार्जन करने की बदनीयत से अवैध प्रवृत्तियां करते हैं। राज्य सरकार या स्थानीय निकायों के स्वामित्व वाली जमीन हड़प लेते हैं। डरा-धमकाकर या फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन हड़प लेते हैं। वहीं किसानों एवं धार्मिक संस्थाओं की जमीनों पर कब्जाकर वहां निर्माण करने की शिकायतें भी राज्य सरकार को मिलकी रहती हैं। व्यक्तिगत किस्सों में भी कई लोग इन भूमाफिया के शिकार बने हैं। इसके चलते कई बार राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठते हैं। जमीन हड़पने की प्रवृत्ति को अवैध घोषित किया गया है। इस कानून के प्रावधानों के तहत सिर्फ सरकारी या स्थानीय निकायों की जमीन ही नहीं बल्कि धार्मिक संस्थाओं या निजी व्यक्तियों की जमीन के कानूनीतौर पर किराएदार नहीं हो और फिर भी उस पर कब्जा जमाए रखे तो ऐसी प्रवृत्तियां करने वालों को कानून के तहत गुनाहगार माना जाएगा। दोषी ठहराए जाने पर ऐसे गुनाहगार को कम से कम दस वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 14 वर्ष की सजा दी जाएगी।
उप पुलिसस्तर के अधिकारी करेंगे जांच इस कानून के तहत मामलों की जांच पुलिस उपाधीक्षकस्तर या उनसे वरिष्ठस्तर के अधिकारी जांच करेंगे। राज्य में यह अधिनियम लागू होने से किसान, आमजन और निजी स्वामित्व, सार्वजनिक संस्था, सरकारी, स्थानीय निकायों की संस्थानों की डरा-धमकाकर जमीन हड़पने वालों पर सख्त से सख्त सजा दिलाने का रास्ता साफ होगा।
विशेष अदालतों में छह माह में होगा निपटारा जमीन कब्जाने वाले मामलों की तीव्रता से सुनवाई करने, पारदर्शी तरीके से जांच करने और भूमाफियाओं को सख्त सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार विशेष अदालतों गठन करेगी। ऐसी अदालतों में मामला दायर होने के ज्यादा से ज्यादा छह के भीतर ऐसे मामलों को निपटाने की व्यवस्था की जाएगी।
राज्य सरकार इन मामलों की सुनवाई के लिए प्रत्येक विशेष अदालत में एक सरकारी वकील की नियुक्ति करेगी। ये अदालतें संज्ञान लेकर जमीन हड़पने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे। द गुजरात लैण्ड ग्रेबिंग (प्रोहिबिशन) एक्ट-2020 के प्रावधानों के तहत जमीन हड़पने के बाद उसकी बिक्री करने या अन्य व्यक्ति को जमीन हड़पने के लिए प्रोत्साहित करने वालों को भी 10 से 14 वर्ष तक की सजा और जंत्री की राशि का जुर्माने की सजा होगी। वहीं कब्जे वाली जमीन पर निर्माण के लिए करार या अन्य हड़पी गई जमीन खरीदने वालों को भी सजा होगी। गुजरात लेण्ड ग्रेबिंग प्रोहिबिशन एक्ट नया आयाम साबित होगा।