रूपाणी ने बताया कि गुजरात की जीवनरेखा और लौहपुरुष सरदार साहेब की स्वप्नसरिता समान नर्मदा योजना भूतकाल में छह दशकों तक विवादो में अवरोधित होती रही। इसे पूर्ण करने में तत्कालीन केन्द्र सरकारों ने अनेक अड़चनें डालीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के शासन संभालने के 17 दिन में ही नर्मदा बांध की उंचाई बढ़ाने की मंजूरी प्रदान कर दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उंचाई बढ़ाने और बाद में बांध पर गेट लगाने की भी अनुमति प्रधानमंत्री ने दी थी।
https://www.patrika.com/ahmedabad-news/gujarat-bhavan-is-an-example-of-new-india-says-pm-modi-5043310/ इस कारण गुजरात की सर्वांगीण समृद्धि के द्वार खुले और नर्मदा केनाल नेटवर्क, सौनी योजना तथा सुजलाम सुफलाम योजना के मार्फत कच्छ, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र्र सहित समग्र राज्य में सिंचाई, पेयजल और खेती के लिए नर्मदा का पानी पहुंचा है। गुजरात ने इसके परिणाम स्वरूप ही कृषि विकास दर में दो आंकड़े की वृद्धि दर हासिल की है।