डॉ. राणा ने कहा कि टाइप ए और ई पीलिया मुख्य रूप से दूषित खाद्य पदार्थों के कारण होता है। पानी को उबालकर और ठंडा करके उपयोग करने और बाहरी खाद्य पदार्थों से परहेज करने से इन वायरस से बचाव संभव है। वर्ष 2020 में ए प्र्रकार के वायरस से पीलिया के निदान के लिए 1500 परीक्षणों में से 109 और ई प्रकार के वायरस से पीलिया के निदान के लिए 1400 में से 156 रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
बी और सी प्रकार का पीलिया ज्यादातर लापरवाही के कारण होता है जैसे कि एक ही सुई और सीरिंज का उपयोग करना, इस रोग से पीडि़त किसी व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क और सीधे दूषित रक्त के संपर्क से यह पीलिया होता है। पीलिया डरने या निराश होने की बीमारी नहीं है। रोग का निदान सावधानी से करने और निश्चित समय तक आवश्यक उपचार प्राप्त करने से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।