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अहमदाबाद

बाहर का भोजन टालने से पीलिया हुआ कम

सब्जियां-फल व बार-बार हाथ धोने से भी
कोरोना का सकारात्मक पक्ष
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर विशेष
 
 

अहमदाबादJul 28, 2021 / 11:27 pm

Rajesh Bhatnagar

जफर सैयद

वडोदरा. कोरोना की वजह से रखी जाने वाली सावधानियों से पीलिया का जोखिम भी कम हो रहा है। सामान्यतया खाने-पीने के दूषित पदार्थों से हेपेटाइटिस के ए व ई वायरस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं लेकिन इन दिनों सावधानी बरती जा रही है जिससे ऐसे मरीजों की संया कम होने की संभावना जातई जा रही है।
बड़ौदा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु राणा के अनुसार वायरल पीलिया ए, बी, सी, डी और ई के वायरस के कारण होता है। हेपेटाइटिस या पीलिया केवल यकृत (लीवर) की सूजन है। उचित समय पर और पर्याप्त रूप से इलाज नहीं करने पर यकृत रोग गंभीर और हिपेटो सेल्युुलर कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन इन दिनों कोरोना से बचने किए अपनाए जा रहे उपायों से भी पीलिया जैसे रोग कम होंगे।
उनके अनुसार वायरल पीलिया और उसमें भी बी व सी वायरस के कारण होने वाला पीलिया सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम के समान है। पीलिया के प्रति जागरूकता के लिए प्रति वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
सरकार की ओर से राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रम के तहत बड़े जिलों के दो बड़े सरकारी अस्पतालों और छोटे जिलों में एक बड़े सरकारी अस्पताल में पीलिया के उपचार की व्यवस्था की गई है। वडोदरा में सयाजी अस्पताल के अलावा जीएमईआरएस गोत्री अस्पताल में कार्यक्रम के तहत पीलिया के उपचार की सेवा उपलब्ध करवाई गई है।
बाहरी खानपान से परहेज करने सेे बचाव संभव

डॉ. राणा ने कहा कि टाइप ए और ई पीलिया मुख्य रूप से दूषित खाद्य पदार्थों के कारण होता है। पानी को उबालकर और ठंडा करके उपयोग करने और बाहरी खाद्य पदार्थों से परहेज करने से इन वायरस से बचाव संभव है। वर्ष 2020 में ए प्र्रकार के वायरस से पीलिया के निदान के लिए 1500 परीक्षणों में से 109 और ई प्रकार के वायरस से पीलिया के निदान के लिए 1400 में से 156 रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
बी और सी प्रकार का पीलिया ज्यादातर लापरवाही के कारण होता है जैसे कि एक ही सुई और सीरिंज का उपयोग करना, इस रोग से पीडि़त किसी व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क और सीधे दूषित रक्त के संपर्क से यह पीलिया होता है। पीलिया डरने या निराश होने की बीमारी नहीं है। रोग का निदान सावधानी से करने और निश्चित समय तक आवश्यक उपचार प्राप्त करने से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
अब पीलिया का टीका भी

पीलिया के टीके को पीलिया के टीके को अब बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। सयाजी अस्पताल में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किसी भी सर्जरी से पहले मरीज की हेपेटाइटिस की जांच की जाती है।
– डॉ. बेलीम ओ.बी., कोरोना के इलाज के लिए प्रशासनिक नोडल अधिकारी, वडोदरा।

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