इस बात की खुशी है कि वर्ष २०१९-२१ के बैच में बहुविध पृष्ठभूमि और कामकाज का अनुभव रखने वाले विद्यार्थी चयनित हुए हैं। चर्चा आधारित संस्थान की शिक्षा पद्धति के वातावरण में इसके चलते और बेहतरी आएगी।
-प्रो.एरोल डिसूजा, निदेशक, आईआईएम-ए
अलग अलग पृष्ठभूमि और कामकाज के अनुभव वाले विद्यार्थी चयनित करने में संस्थान की प्रवेश नीति मददरूप रही। इससे कक्षा में सीखने के अनुभव में और सुधार होगा।
-प्रो.विशाल गुप्ता, अध्यक्ष, प्रवेश समिति, आईआईएमए
संस्थान के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन फूड एंड एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट (पीजीपी-एफएबीएम) के २०१९-२१ के बैच में कृषि पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थी बीते बैच की तुलना में बढ़े हैं। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। २०१९-२१ के बैच में कृषि पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों की संख्या ४८ फीसदी है, जो २०१८-२० में ३५ फीसदी थी। २०१७-१९ में केवल १५ फीसदी ही थी।
इस साल इस कोर्स में प्रवेश पाने वाले दानिश मेहता बताते हैं कि वे हरियाणा के किसान परिवार से आते हैं। वे खुद का कृषि व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक हैं। इस क्षेत्र के विश्व से नंबर वन संस्थान और कोर्स में प्रवेश पाने में उन्हें सफलता मिली है। यहां उन्हें इस व्यवसाय को अच्छे से समझने में मदद मिलेगी। सीसीएस हरियाणा कृषि विवि से उन्होंने एग्रीकल्चर में बीएससी (ऑनर्स) किया है।