स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन भट्ट ने कहा कि गत शनिवार एवं रविवार को बजट सत्र के लिए बैठक बुलाई गई थी। उस दौरान सभा में अपनी बात रखने के लिए सत्ता और विपक्ष को पांच-पांच घंटे का समय दिया गया था। इसके बावजूद विपक्ष की ओर से न सिर्फ हंगामा किया गया बल्कि समय की भी मर्यादा का उल्लंघन किया गया। इतना ही नहीं विपक्ष ने जमकर हंगामा भी किया। इसके बाद सत्तापक्ष ने बहुमत के आधार पर मनपा का बजट मंजूर कर दिया। इसके बाद सोमवार को विपक्ष ने मनपा परिसर में धरना के रूप में महापौर का विरोध प्रदर्शन, पोस्टर और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि शहर का महापौर किसी भी पार्टी से ऊपर होता है। जिसके खिलाफ अशोभनीय रूप से विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी करना गलत है। उन्होंने इस तरह के विरोध प्रदर्शन की निंदा की है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है लेकिन अशोभनीय प्रदर्शन और अभद्र भाषा का उपयोग गलत है।
हो सकता है शून्य ऑवर्स रद्द
अमूल भट्ट ने कहा कि स्टेंडिंग कमेटी तथा बोर्ड बैठक में अच्छी चर्चा के लिए शून्य ऑवर्स रखा जाता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की यही हरकत रहीं तो शून्य ऑवर्स सत्र को हटाया जा सकता है। देखा जाए तो कानून रूप से शून्य ऑवर्स का प्रावधान है ही नहीं।
महापौर के घेराव का लिया जाएगा निर्णय: विपक्ष
बजट सत्र की बैठक में कथित रूप से बोलने के लिए समय नहीं देने के विरोध में विपक्ष ने महापौर का जगह-जगह घेराव करने की घोषणा की थी। इस संबंध में विपक्ष के नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि शहर कांग्रेस इस बारे में निर्णय करेगी। विपक्ष के नेता ने कहा कि सत्र के दौरान दोनों पक्षों के साढ़े छह-छह घंटे बोलने का समय दिया था। इसके बावजूद उनके सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया था।