यात्रा पर विरोध का असर
एकता यात्रा के मुद्दे पर समाज के अग्रणियों की ओर से किए जा रहे विरोध का असर यात्रा पर भी दिखाई दिया। ठाकोर सेना के दो फाड़ होने व बनासकांठा जिला ठाकोर सेना के पूर्व अध्यक्ष मेलाजी ठाकोर सहित अनेक नेता स्वयं को अलग कर चुके हैं। परिणामस्वरूप पूर्व की यात्राओं की अपेक्षा एकता यात्रा में लोगों की मौजूदगी कम दिखाई दी।
ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में एकता यात्रा बनासकांठा सहित अनेक जिलों में घूमेगी। इस दौरान समाज को एक करने के साथ ही समस्याएं हल करने के प्रयास भी किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार एकता यात्रा के लिए बनासकांठा जिले के ठाकोर समाज के अनेक अग्रणियों व जिले के ठाकोर सेना के पूर्व अध्यक्ष मेलाजी ठाकोर को आमंत्रण ही नहीं दिया गया, इस कारण अनेक अग्रणियों में नाराजगी है।
बनासकांठा जिले के पूर्व अध्यक्ष मेलाजी ने लिया आड़े हाथ
बनासकांठा जिले के ठाकोर सेना के पूर्व अध्यक्ष मेलाजी ठाकोर के अनुसार जिन लोगों ने बनासकांठा जिले में ठाकोर सेना को खड़ा किया, उन्हें आमंत्रित ही नहीं किया गया। उनका कहना था कि ठाकोर समाज तो पहले से ही एक है तभी तो अल्पेश ठाकोर व गेनीबेन ठाकोर विधायक बने।
उन्होंने कहा कि अब एकता यात्रा करने से क्या होगा? समाज के लोगों को साइड लाइन करने से एकता यात्रा सफल नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अल्पेश ठाकोर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं और समाज का उपयोग करके वर्ष 2019 के आम चुनावों में फायदा लेना चाहते हैं, समाज से प्रेम हो तो समाज का भला करें, समाज को लेकर राजनीति नहीं।