लीवर सिरोसिस, मधुमेह तथा रक्तचाप जैसी जुझारू बीमारियों से जूझ रहे शहर के चिकित्सक डॉ. राजूभाई शाह को गत 23 अप्रेल को कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल (एसवीपी) अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। द्रढ़ मनोबल वाले डॉ. शाह का कहना है कि उन्हें पहले से ही लीवर सिरोसिस, मधुमेह और रक्तचाप जैसी समस्या है। इनके बीच कोरोना का संक्रमण भी लग गया था। लॉकडाउन के चलते माहौल भी डरावना था। हालांकि अपनों का साथ मिला तो इस वायरस को हराने में आसानी हुई। 18 दिन तक अस्पताल में भर्ती होने के बाद 14 दिन होम क्वारेंटाइन की जरूरत पड़ी। घर में पत्नी जयश्रीबेन शाह ने कदम-कदम पर साथ दिया जिससे आत्मविश्वास बढ़ता रहा। होम क्वारेंटाइन की अवधि पूरी होने पर उन्होंने फिर से अस्पताल जाना शुरू कर दिया। कोरोना के प्रति जागरूक रहने वाले डॉ. शाह अब मरीजों को भी इससे जागरूक करते हैं। फिलहाल वे प्रतिदिन आठ से दस संदिग्ध मरीजों को टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। गरीब मरीजों को बहुत कम दर पर उपचार उपलब्ध करवा रहे डॉ. राजूभाई शाह का कहना है कि संभवत: गुजरात में उनकी सबसे कम फीस है। उनके अस्पताल में फिलहाल महिलाओं से दस और पुरुषों से बीस रुपए फीस ली जाती है। जिसमें वे दवाई भी उपलब्ध कराते हैं। यही कारण है कि उनके (राजूभाई दवाखाना) में प्रतिदिन पांच सौ से छह सौ मरीजों की ओपीडी होती है। उनके अस्पताल मेें इसी तरह से ऑपरेशन चार्ज भी काफी कम लिया जाता है। वे मास्क पहनते हैं और मरीजों को सलाह देते हैं कि बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें।