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अहमदाबाद

कोरोना का कहर झेलकर फिर से मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक

डरावने माहौल में हुआ था संक्रमण

अहमदाबादNov 29, 2020 / 09:37 pm

Omprakash Sharma

कोरोना का कहर झेलकर फिर से मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक

कोरोना का कहर झेलकर फिर से मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक

अहमदाबाद. कोरोना काल में संक्रमण का संभवत: सबसे ज्यादा खतरा चिकित्सा कर्मियों को रहता है। यही कारण है कि गुजरात में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों चिकित्सक व अन्य चिकित्सा कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कई की जान भी चली गई। ज्यादातर चिकित्सा कर्मी इसका संक्रमण झेलने के बाद पुन: मरीजों की सेंवा में जुटे हैं। हालांकि ऐसे सभी चिकित्सक पूरे खुद और मरीजों की सेफ्टी के लिए सतर्कता बरतते दिखाई देते हैं।
कोरोना महामारी को हराने वाले चिकित्सकों का कहना है कि जब उन्हें कोरोना हुआ था उस दौरान माहौल बहुत डरावना था। इनका मानना है कि भले ही अब कोरोना का संक्रमण ज्यादा फैल रहा है लेकिन अप्रेल, मई, जून एवं जुलाई में जो डरावना माहौल था वह अब नहीं है। कोरोना का दंश झेलने वाले डॉ. राजूभाई शाह (65) के अनुसार उन्होंने हिम्मत से काम लिया। ऐसे में अपनों का साथ मिला और बीमारी को हरा दिया। आज उसी तरह वे मरीजों की सेवा कर रहे हैं जैसे कोरोना काल से पहले करते थे।
लीवर सिरोसिस, मधुमेह और रक्तचाप के बीच दी कोरोना को मात
लीवर सिरोसिस, मधुमेह तथा रक्तचाप जैसी जुझारू बीमारियों से जूझ रहे शहर के चिकित्सक डॉ. राजूभाई शाह को गत 23 अप्रेल को कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल (एसवीपी) अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। द्रढ़ मनोबल वाले डॉ. शाह का कहना है कि उन्हें पहले से ही लीवर सिरोसिस, मधुमेह और रक्तचाप जैसी समस्या है। इनके बीच कोरोना का संक्रमण भी लग गया था। लॉकडाउन के चलते माहौल भी डरावना था। हालांकि अपनों का साथ मिला तो इस वायरस को हराने में आसानी हुई। 18 दिन तक अस्पताल में भर्ती होने के बाद 14 दिन होम क्वारेंटाइन की जरूरत पड़ी। घर में पत्नी जयश्रीबेन शाह ने कदम-कदम पर साथ दिया जिससे आत्मविश्वास बढ़ता रहा। होम क्वारेंटाइन की अवधि पूरी होने पर उन्होंने फिर से अस्पताल जाना शुरू कर दिया। कोरोना के प्रति जागरूक रहने वाले डॉ. शाह अब मरीजों को भी इससे जागरूक करते हैं। फिलहाल वे प्रतिदिन आठ से दस संदिग्ध मरीजों को टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। गरीब मरीजों को बहुत कम दर पर उपचार उपलब्ध करवा रहे डॉ. राजूभाई शाह का कहना है कि संभवत: गुजरात में उनकी सबसे कम फीस है। उनके अस्पताल में फिलहाल महिलाओं से दस और पुरुषों से बीस रुपए फीस ली जाती है। जिसमें वे दवाई भी उपलब्ध कराते हैं। यही कारण है कि उनके (राजूभाई दवाखाना) में प्रतिदिन पांच सौ से छह सौ मरीजों की ओपीडी होती है। उनके अस्पताल मेें इसी तरह से ऑपरेशन चार्ज भी काफी कम लिया जाता है। वे मास्क पहनते हैं और मरीजों को सलाह देते हैं कि बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें।

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