Zoological Survey of India, वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक में research शोध पर होगा काम, जेडएसआई और Gujarat Forensic Science University , Gandhinagar, Gujarat, Study जीएफएसयू ने MoU एमओयू पर किए हस्ताक्षर
अहमदाबाद. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित १०३ साल पुराने Zoological Survey of India जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (
जेडएसआई) में अब गुजरात फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (
जीएफएसयू) के विद्यार्थी शोध कर सकेंगे।
वन्य जीवन, जंतु भूगोल, पशु व्यवहार, पशु जनसंख्या, समुद्री जीव पर अध्ययन, अन्वेशषण के क्षेत्र में ब्रिटिशकाल से कार्यरत भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक डॉ.कैलाशचंद्र और Gujarat Forensic Science University जीएफएसयू के महानिदेशक डॉ.जे.एम.व्यास की उपस्थिति में दोनों ही प्रमुख संस्थानों ने संयुक्त शोध के क्षेत्र में काम करने को लेकर हस्ताक्षर किए।
जीएफएसयू के फोरेंसिक साइंस के निदेशक प्रो.एस.ओ.जुनारे ने बताया कि यूनिवर्सिटी में वाइल्ड लाइफ फोरेसिंक विभाग स्थित है। जिसमें हिरण के सींग नकली हैं या असली, इसी प्रकार से शेर की चमड़ी असली है या नकली, हाथी दांत असली हैं या नकली। इसका पता लगाने के साथ इन सींग, दांत और चमड़ी के आधार पर उनकी मौत कैसे हुई है। यह नर के हैं या मादा के उसके बारे में भी पता लगाया जाता है।
इस दिशा में दी जाने वाली शिक्षा और की जा रही शोध से जुड़े विद्यार्थियों को अब ब्रिटिशकालीन देश की सबसे बड़ी जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सरीखी संस्था के साथ कामकाज करने का मौका मिलेगा।
दोनों के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत जीएफएसयू के विद्यार्थी जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कोलकाता स्थित अत्याधुनिक प्रयोगशाला में जाकर एक साल तक रिसर्च कर सकेंगे। इसके अलावा वहां के शोधार्थी जीएफएसयू में भी आकर शोध कर सकेंगे। दोनों ही संस्थान मिलकर शोध करेंगे। यह एक अहम समझौता शामिल होगा।
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