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अजमेर

अजमेर,ब्यावर व किशनगढ़ में आसमां से बरसी ‘आफत’

अजमेर जिले में मानसून की सक्रियता से किसानों के खिले चेहरे,ब्यावर इलाके में वर्षाजनित हादसों में दो जनों की मौत, निचली बस्तियां जलमग्न, घरों में घुसा पानी ,ब्यावर स्थित रेलवे ट्रेक पर पानी भरने से यातायात रहा बाधित

अजमेरJul 06, 2019 / 01:48 am

suresh bharti

Activation of monsoon in Ajmer district

अजमेर,ब्यावर व किशनगढ़ में आसमां से बरसी ‘आफत’

अजमेर.

मेह बाबा इस बार समय पर राजी हो गए लगते हैं। बरस-बरस मम्हारा इंदर राजा के गीत गूंजने लगे हैं। शुक्रवार तडक़े हुई बारिश से पूरा अजमेर जिला नहा गया। छोटे-बड़े नाले ऊफान पर रहे। रास्ते में सडक़ें जलमग्न हो गई। निचली बस्तियों में पानी भर गया। कई घरों में पानी भरने से अनाज,बिस्तर,कपड़े व अन्य सामान भीग गए। अजमेर के सभी बाजारों में दो से तीन फीट पानी बहा। आनासागर में बारिश के पानी की आवक बढ़ गई। प्रजापिता ब्रह्मा नगरी पुष्कर स्थित सरोवर में भी पहाडिय़ों से बहकर खूब पानी आता रहा।
ब्यावर में पांच इंच बारिश

ब्यावर शहर में गुरुवार रात करीब साढ़े आठ बजे शुरु हुआ बरसात का दौर शुक्रवार दोपहर तक चलता रहा। सुबह पांच बजे से छह बजे के बीच मूसलाधार पानी बरसा। इससे शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में पानी-पानी हो गया। इस दौरान ब्यावर शहर में पांच इंच से ज्यादा बरसात दर्ज की गई। निचली बस्तियों में पानी भर गया। लोगों को भरी परेशानी झेलनी पड़ी। शाहपुरा मोहल्ला में बरसाती पानी को निकालने के दौरान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
वहीं करंट लगने से गणेशपुरा क्षेत्र में एक अन्य युवक की मौत हो गई। रेलवे ट्रेक पर पानी भर गया। इससे एक ट्रेक पर रेल की आवाजाही बंद कर दी गई। छावनी अंडरब्रिज में पानी भरने से सुबह-सुबह बाहरी कॉलोनियों वालों की आवाजाही रुक गई। अंडरब्रिज में एक निजी बस अटक गई। जिसे के्रेन की सहायता से निकाला गया। बारिश के कारण सुभाष उद्यान बंधे की एक दीवार गिर गई।
ब्यावर शहर में लम्बे इंतजार के बाद गुरुवार शाम को बादलों की मेहरबानी हुई। शाम को करीब साढ़े आठ बजे बरसात का दौर शुरु हुआ। जो रुक-रुक कर रातभर चलता रहा।
अलसुबह हुई मूसलाधार बरसात से चारोंं ओर पानी ही पानी हो गया। सुबह पांच बजे से मूसलाधार बरसात का दौर शुरू हुआ। बाद में रिमझिम होती रही। सिंचाई विभाग की ओर से सुबह आठ बजे तक 12५ एमएम बरसात दर्ज की गई। रेलवे स्टेशन के बाहर पानी की निकासी सही नहीं होने से घुटनों तक पानी भर गया। यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ा या फिर एक दूसरे का हाथ पकडक़र पानी से निकलना पड़ा।वर्षाजनित हादसों में दो जनों की मौत
तेज बरसात के दौरान पानी घरों में घुसने से लोगों को परेशानी हुई।
सुबह शाहपुरा क्षेत्रवासी एक व्यक्ति मंदिर में पूजा-अर्चना करने गया। इस दौरान वहां भरे पानी की निकासी के लिए पत्थर हटाना चाहा। पैर मिट्टी में धंसने से वह असंतुलित होकर गिर गए। इससे उसके चोट लगी। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसी तरह गणेशपुरा क्षेत्र में युवक घर के बाहर से निकल रहे तारों के छू जाने से करंट की चपेट में आ गया। इसके चलते उसकी मौत हो गई।
बरसात ने कराई छुट्टी

रेलवे ट्रेक पर पानी भर गया। इसके चलते मिल गेट फाटक को बंद कर दिया गया। मिल गेट की ओर से आने वाले विद्यार्थियों व शिक्षकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालात यह रहे कि कई विद्यार्थियों ने कुछ समय तक इंतजार करने के बाद छुट्टी कर ली। वापस घर की ओर रुख कर दिया। इसी प्रकार छावनी अंडर पास में पानी भर गया। ऐसे मेंं मिलगेट के बाहरी कॉलोनियों में रहने वाले विद्यार्थियों को स्कूल जाने में खासी परेशानी हुई। लोग दस बजे तक अपनी कॉलोनियों मेें ही अटके रहे।
बिजली ने भी किया परेशान

बरसात का दौर शुरु होने के साथ ही रात को कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग बार-बार शिकायत निवारण केन्द्र पर फोन करते रहे। लेकिन बिजली सप्लाई व्यवस्था सुचारु नहीं हो सकी। कई कॉलोनियों में सुबह दस बजे बिजली की आपूर्ति शुरु हो सकी। रात भर बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को हुई।
अंडरब्रिज में फंसी बस…

छावनी अंडरब्रिज में करीब चार फीट पानी भर गया। इससे एक निजी बस अंडरब्रिज में फंस गई। काफी प्रयास के बावजूद बस को नहीं निकाला जा सका। बाद में क्रेन मंगवाकर बस को अंडरब्रिज से निकाला गया। हालांकि अंडरब्रिज में ज्यादा पानी भरने के कारण दुपहिया वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से थम गई। चार पहिया वाहन निकल,े लेकिन उनको भी परेशानी का सामना करना पड़ा।सुभाष उद्यान लबालबनगर परिषद परिसर में पानी की निकासी नहीं है। इसके चलते नेहरू वाटिका, नगर परिषद परिसर के चारों ओर पानी भर गया।
पानी भरने से लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को नवसृजित वार्डो की जानकारी चस्पा की गई। बरसात व पानी भरा होने के कारण दोपहर तक आने वालों की संख्या गिनी-चुनी ही रही।
स्कूल परिसर बना तालाब

राजकीय जैन गुरुकुल स्कूल में भी पानी भर गया। कमरों तक में पानी चला गया और बच्चों ने खड़े रहकर समय बिताया।इसी प्रकार निकटवर्ती ग्राम दुर्गावास स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में पानीभर गया। दूर-दूर तक पानी ही पानी भरा होने से ख्ेाल मैदान तालाब की तरह नजर आया। बरसात के चलते विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या कम रही।
सीवरेज ने बढ़ाया संकट…

शहर में चल रहे सीवरेज के काम के चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सीवरेज लाइन डालने के बाद वापस सडक़ को दुरुस्त नहीं किया गया। इससे मिट्टी धंस गई। इससे कार, ट्र्रक्टर सहित अन्य वाहन फंस गए। हालात यह रहे कि कई स्थानों पर दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो गए। लोहारान चौपड़ मार्ग पर सीवरेज लाइन डालने के बाद मिट्टी सही नहीं डाले जाने से पूरी तरह बह गई। इसके चलते सडक़ के बीचोंबीच गड्डा हो गया। इस कारण आवागमन प्रभावित हुआ।
खुल गई व्यवस्था की पोल…

मानसून की पहली ही बरसात ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। हालात यह रहे कि रेलवे स्टेशन के सामने करीब चार से पांच फीट तक पानी भर गया। ट्रेक पर पानी भरने के कारण एक टे्रक पर गाडिय़ों की आवाजाही रोकनी पड़ी। यात्रियों को रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रियों को सामान उठाकर रेलवे स्टेशन बाहर आना ही दुष्कर हो गया। ऐसे में ऑटो वालों की चांदी रही। लोग स्टेशन से ऑटो में बैठकर ही बाहर निकले।
दीवार तोडक़र निकालना पड़ा पानी

अमरी का बाडिय़ा सहित कई निचली बस्तियों में पानी भर गया। अमरी का बाडियां में भरे पानी को निकालने के लिए एक दीवार तोडऩी पड़ी। इसके बाद घरों के बाहर भरे पानी का दबाव कम हो सका।
बंधे की दीवार ढही, हादसे की आशंका

बरसात के दौरान सुभाष उद्यान स्थित बंधे की दीवार ढह गई। यह दीवार सालों पहले की बनी हुई थी। इस दीवार के पास से ही टॉय ट्रेन का ट्रेक निकल रहा है। ऐसे में अब दीवार ढह जाने से हादसा होने की आशंका बढ़ गई है। जब ट्रेन बंधे के पास से गुजरेगी तो पास ही पानी से लबालब बंधा नजर आएगा। ऐसे में अब हादसा होने का भय बना रहेगा।
बिचड़ली की चादर चली

पहली तेज बरसात में ही बिचड़ली तालाब की चादर चल गई।बिचड़ली तालाब की चादर चलने के साथ मसानिया नदी में भी पानी की आवक हुई। बिचड़ली तालाब में आधे से अधिक शहर की नालियों का पानी आता है। ऐसे में तालाब में बारह माह पानी रहता है। ऐसे में पहली बरसात में चादर चल जाती है।

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