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अजमेर

नीलामी के समय में हेरफेर कर एडीए को पहुंचाया नुकसान

अजमेर विकास प्राधिकरण उपायुक्त ने ई-कनेक्ट सॉल्यूशन उदयपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर व अन्य के खिलाफ दर्ज करवाया मुकदमा

अजमेरMay 08, 2024 / 01:32 am

manish Singh

नीलामी के समय में हेरफेर कर एडीए को पहुंचाया नुकसान

अजमेर विकास प्राधिकरण। फाइल फोटो

अजमेर. अजमेर विकास प्राधिकरण की ऑनलाइन नीलामी का काम करने वाली ई-कनेक्ट सॉल्यूशन उदयपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर ने एक पक्ष को फायदा पहुंचाने के इरादे से ई-ऑक्शन के समय में हेरफेर कर दिया। एडीए की ओर से करवाई गई थर्ड पार्टी जांच में कम्पनी की ओर से इस्तेमाल किया जा रहा सॉफ्टवेयर सरकारी मानकों के अनुरूप नहीं था। सॉफ्टर में ऑनलाइन ऑक्शन के दौरान समय बढ़ाया जा सकता था। इसके अलावा सॉ़फ्टवेयर में वायरस अटैक, हाइजेकिंग व हैकिंग रोकने के प्रावधान नहीं है।

एडीए उपायुक्त सूर्यकान्त शर्मा ने कम्पनी के सॉफ्टवेयर की थर्ड पार्टी जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर अजमेर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि ई- कनेक्ट सोल्यूशन्स प्रा.लि. उदयपुर की शिकायतों के लिए गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट में आया कि एडीए ने 17 सितम्बर 2007 को उदयपुर की ई-कनेक्ट सॉल्यूशन प्रा. को ऑनलाइन सिटीजन सर्विस के लिए 3 साल का टेंडर दिया। कम्पनी ने एडीए की आवासीय योजनाओं में भूखंडों की ई-नीलामी के लिए ई-ऑक्शन मॉड्यूल बनाने के लिए 11 मई 2015 को 2 साल का टेंडर दिया। फिर टेंडर की अवधि को बढ़ाया गया। कम्पनी की ओर से भूखण्डों की नीलामी के लिए बनाए मॉड्यूल व ऑनलाइन प्रक्रिया की मॉनिटरिंग के लिए मोहम्मद जावेद को प्रोजेक्ट मैनेजर बनाया था।

बोली का दिया अतिरिक्त समय

उपायुक्त ने शिकायत में बताया कि 25 दिसम्बर 2020 को दशरथ सेन ने शिकायत दी। जिसमें बताया कि दौराई व्यवसायिक योजना की नीलामी में सर्वर से छेड़छाड़ कर अन्य प्रतिस्पर्धी को नियम विरुद्ध बोली लगाने का अतिरिक्त समय दिया। कम्पनी ने जानबूझकर जांच नहीं कर दौराई व्यवसायिक योजना के भूखण्ड आवंटन कर दिया। फिर पड़ताल में आया कि योजना में दुकान संख्या एच-06 की बोली लगाई गई थी। सेन ने 24 दिसम्बर 2020 को बोली 28 हजार 600 रुपए लगाई। अब्दुल रज्जाक ने 28 हजार 650 लगाई। दोनों की बोली के बीच 6 मिनट 30 सेकंड का अन्तर था। ऐसे में 4 बार समय अवधि बढ़ाई गई जबकि बोली समाप्त होने से अंतिम 5 मिनट में निरंतर बोली प्राप्त होने की स्थिति में अगले 5 मिनट तक समय बढ़ता रहेगा। ऐसे में बढ़ाए 5 मिनट में कोई बोली प्राप्त नहीं होती है तो नीलामी स्वतः बंद हो जाएगी। इस तरह अब्दुल रज्जाक को बोली लगाने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया।

सॉफ्टवेयर नहीं था मानकों के अनुरूप

रिपोर्ट में बताया कि प्रोजेक्ट को मैनेजर मोहम्मद जावेद, नेटवर्क इंजीनियर, सर्वर मैनेजर व डेवलपर नियंत्रित करते थे। कम्पनी की समय अवधि खत्म होने के बाद भी सॉफ्टवेयर, सर्वर देखरेख का काम सुरभि इलक्ट्रोनेट प्रा.लि. जयपुर को दिया गया। कम्पनी के चार्ज लेनदेने व सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर की थर्ड पार्टी जांच दिल्ली की कम्पनी से करवाया गया। ई-कनेक्ट सॉल्यूशन का मॉड्यूल असुरक्षित व सरकारी मानकों के अनुरूप नहीं था। जिसको लाइव ऑक्शन के दौरान अपडेट किया जा सकता था। सर्व कम्पनी ने सॉफ्टवेयर में वायरस अटैक, हाइजेकिंग, हैकिंग रोकने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं है। प्रीसाइज टेस्टिंग सॉल्यूशन को सर्वे के लिए 24 लाख 19 हजार रुपए मांगे लेकिन ई-कनेक्ट सॉल्यूशन की ओर से अब तक भुगतान नहीं किया।

नीलामी की शर्तों का उल्लंघन

एडीए की 2019 और 2020 की नीलामी की पत्रावली की जांच में पाया कि ई-कनेक्ट सॉल्यूशन निर्धारित समय अवधि 5 मिनट से अधिक का समय दिया। जो कि नीलामी की सूचना की शर्त का उल्लंघन है। प्रोजेक्ट मैनेजर मोहम्मद जावेद नीलामी मॉडयूल को नियंत्रित कर रहे थे। उन्होंने जानबूझकर एडीए के साथ धोखाधड़ी कर नुकसान पहुंचाया।

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