अजमेर

Big issue: यहां ना फूलों का बगीचा, ना कोई फ्लावर शो

यहां उदयपुर की तरह फ्लावर शो होता है। अगर प्रयास किए जाएं तो आमजन और पर्यटकों को यह लुभा सकता है।

अजमेरOct 18, 2019 / 10:18 am

raktim tiwari

flower garden in ajmer

रक्तिम तिवारी/अजमेर.
कुदरत ने अजमेर को अप्रतिम सुंदरता से नवाजा है। अरावली (aravalli) की सर्पीली पहाडिय़ां, हरियाली और संतुलित मौसम इसकी पहचान हैं। लेकिन इसकी खूबसूरती (beauty) में चार-चांद लगाने वाले रंगबिरंगे फूलों को एक साथ देखना चाहें तो निराशा हाथ लगेगी। शहर में ना कोई फूलों का बगीचा है ना यहां उदयपुर की तरह फ्लावर शो (flower show) होता है। अगर प्रयास किए जाएं तो आमजन और पर्यटकों को यह लुभा सकता है।
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907 साल पुराने शहरके तीज-त्यौंहार, मेले, संस्कृति बरसों से मशहूर हैं। अब यह स्मार्ट सिटी बनने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसी शहर से दुनिया सूफियत (sufizm) के पैगाम और तीर्थनगरी पुष्कर (pushkar) की सनातन संस्कृति से रूबरू होती है। सभी धर्मों की संस्कृति यहां रची-बसी हुई है। सर्पीली अरावली और उस पर फैली हरियाली इसकी खूबसूरती का आईना है। यहां की सर्दी, गर्मी और बरसात का मौसम संतुलित रहता है। दो-तीन साल पहले तत्कालीन संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर ने जरूर फ्लावर शो कराया था।
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शहर में नहीं फूलों का बगीचा
बेंगलूरू, मैसूर, अहमदाबाद, उदयपुर, चंडीगढ़, लखनऊ सहित कई शहरों में फूलों के नयनाभिराम बगीचे (flower garden) हैं। इनमें फूलों की सैकड़ों किस्में देखी जा सकती हैं। राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन (mughal garden) तो पुष्पों (flowers) के मामले में देश की शान है। अजमेर में आजादी के बाद से फूलों का कोई पृथक उद्यान बनाने की कोशिश नहीं हुई। यहां बरसों पहले सुभाष उद्यान बनाया गया। हाल में शास्त्री नगर में नगर वन (city garden) उद्यान बना, लेकिन यह विशेषत: फूलों के बगीचे नहीं हैं।
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उदयपुर में ऐसे होता है शो

-झीलों का शहर कहलाता है उदयपुर
-हर दिसंबर अंत में फतहसागर झील पर होता है फ्लावर शो
-देशी-विदेशी पर्यटक देखने पहुंचते हैं फ्लावर शो में
-हजारों किस्मों के फूल-पौधे प्रदर्शित होते हैं शो के दौरान

-उदयपुर जिला प्रशासन, उद्यान विभाग, नगर सुधार न्यास करता है व्यवस्थाएं
-सालाना पयर्टक कलैंडर में शामिल हो चुका है कार्यक्रम
अजमेर में भी यूं हो सकती है शुरुआत

-नगर निगम-एडीए और जिला प्रशासन कर सकते हैं शुरुआत
-आनासागर गौरव पथ-रीजनल कॉलेज चौपाटी पर आयोजन संभव

-उद्यान-वन विभाग, प्राइवेट नर्सरी संचालकों से लिया जा सकता है सहयोग
-दिसंबर से फरवरी के बीच किया जा सकता है प्रतिवर्ष आयोजन
-पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन का बन सकता है सालाना कार्यक्रम

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फैक्ट फाइल…
907-पूर्व अजमेर की स्थापना

7 से 8 लाख-अजमेर की जनसंख्या
2-शहर में बड़े सार्वजनिक उद्यान
2-सार्वजनिक बड़ी झील
5 से 7 लाख (औसतन)-फ्लावर शो में खर्चा

फूलों के यह पौधे सहज उपलब्ध

डहेलिया, पिटूनिया, गजेनिया, डॉग फ्लावर, पेन्जी, ओरनामेन्टर केबिज, गैंदा, गुलाबी, लाल, सफेद, पीला, काला गुलाब, सन फ्लावर, डेजर्ट फ्लावर, सदा सुहागन, वर्बिना, स्टॉक, लाक्र्सफेर, सालविया, सिनेरिया, इमपेशन्स, लोबेलिया, कैक्ट्स फ्लावर, गुलदाउदी, लिलि, पाम कोचिया, मॉर्निंग प्लावर

अजमेर में फ्लावर शो की बहुत संभावनाएं हैं। ऐसा कोई पुष्पीय पौधा नहीं है, जो यहां उपलब्ध नहीं हो। यहां पुष्पीय बगीचा भी बनाया जा सकता है। सिर्फ आमजन और प्रशासन की पहल करने की जरूरत है। उदयपुर या दूसरे शहरों की तरह फ्लावर शो हो तो पर्यटन बढ़ेगा। साथ ही लोगों में भी फूलों के प्रति जागरुकता बढ़ेगी।
राजेंद्र तिवारी, उद्यान निरीक्षक मदस विश्वविद्यालय

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